उत्तराखंड के इन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा एरियर, शासन ने जारी किया आदेशवन विकास निगम के 2002 में नियमित हुए कर्मचारियों को 1991 से सेवा का लाभ मिलेगा। शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। इससे करीब 17 सौ कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।
इनमें रिटायर हो चुके कार्मिक भी शामिल हैं, जिन्हें वेतन वृद्धि, ग्रेच्यूटी, नगदीकरण व अन्य भत्तों का एरियर भी मिलेगा।उत्तर प्रदेश में वन विकास निगम के ऐसे दैनिक कर्मचारियों को 1991 से ही नियमितकरण का लाभ दिया जा रहा था, लेकिन उत्तराखंड वन विकास निगम में तैनात स्केलर, चालक और अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ये लाभ नहीं मिल रहा था। इसे लेकर वन विकास निगम कर्मचारी संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहा था।
मंगलवार रात वन सचिव विजय यादव ने 2002 में नियमित हुए इन कर्मचारियों को 19 सितंबर 1991 या दैनिक वेतन पर नियत होने की तिथि को आधार बनाते हुए नियमितिकरण का लाभ दिए जाने के आदेश जारी किए। इसका सीधा लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो यूपी के समय से वन निगम में दैनिक वेतन पर तैनात हुए थे और 2002 में उन्हें नियमित कर दिया गया था। इसमें से कई कर्मचारी रिटायर भी हो चुके हैं।चार मांगों पर पहले हो चुकी थी कार्रवाई निगम कर्मचारियों को नियत यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता, स्केलर संवर्ग को तृतीय एसीपी लाभ पुरानी सेवानियमावली के अनुसार दिया जाना और दो वर्ष की दैनिक सेवा का लाभ नियमावली के अनुसार दिए जाने पर पहले शासन आदेश कर चुका है। लेकिन 2002 में नियमित हुए स्केलर व अन्य चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को 1991 से नियमितीकरण का लाभ दिए जाने का मामला चार साल से लंबित था। जिसे शासन ने मंजूरी दे दी।
कर्मचारियों ने बताया बड़ी जीत श्वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष ललित शर्मा ने बताया कि इससे वन निगम में 2002 में नियमित करीब 17 सौ कर्मचारियों को लाभ होगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान ने बताया कि इस आदेश के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को प्रत्येक साल के फिक्सेशन के बाद एरियर भी मिलेगा। कई साल से इस पर संगठन लड़ाई लड़ रहा था। ये हमारी बड़ी जीत है।सेवा लाभ देने का शासनादेश जारी, रिटायर हो चुके कर्मियों को भी मिलेगा लाभ
वर्ष 2002 में वन निगम ने दैनिक वेतन पर तैनात कर्मचारी किए थे नियमित
इन कर्मचारियों को केवल 1991 से वेतन भत्तों व का लाभ मिलेगा। जबकि एसीपी या प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा। इन दोनों का लाभ उन्हें नियमितीकरण के समय यानी 2002 से ही दिया जाएगा। ऐसे में इनको केवल वेतन व अन्य भत्तों का एरियर ही सबसे बड़ा फायदा होगा। जो कार्मिक 2019 में सेवानिवृत्त होने के पश्चात उनके देयकों से वंचित रखे गए थे उनके देयकों का रास्ता भी इस आदेश से साफ हो गया।