बागेश्वर, 16 सिंतबर। आध्याली कांडा में सोप स्टोन खनन पट्टा स्वीकृत से पहले जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने गांव में जाकर क्षेत्रवासियों से वार्ता कर सार्वजनिक सुनवाई की। उन्होंने सुनवाई के दौरान जनता से समस्यायाओं व आपत्तियों के साथ ही सुझाव भी लिए। उन्होंने खदान मैसर्स को गांववासियों के समन्वय व सहमति के साथ नियम व षर्तो के तहत कार्य करने के निर्देश मौके पर दिए। उन्होंने गांव के 02 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालित कराने के साथ ही गांव की महिलाओं व स्वंय सहायता समूह के माध्यम से वृक्षारोपण कराने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि क्षेत्र के सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों को बढावा देंगे। जन सुनवाई मे प्रधान गुलाम राम व दिवान राम ने खनन पट्टे पर सहमति जताते हुए गांव के आम रास्तों, गूल, जल स्रोतों को बचाते हुए कार्य करने के साथ ही गांववासियों को रोजगार देने की बात कही।
इससे पूर्व खनन पट्टा परियोजना प्रस्तावक मैसर्स हरूनाथ मांइस एंड मिनरल्स के परामर्षदाता द्वारा खनन पट्टे का क्षेत्र प्रस्तावित सोप स्टोन उत्पादन, वित्तीय एवं सामाजिक लाभ, पर्यावरण स्थिति, पौधारोपण के बारे में गांव वासियों को विस्तृत जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि सोप स्टोन खनन मे 29 व्यक्तियों को रोजगार से जोडा जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रस्तावित सोप स्टोन खनन परियोजना मे गांव के विद्यालयों, धार्मिक स्थलों को रख-रखाव, सोलर लैंप, सोलर स्ट्रीट लाईट, जल स्रोत संवर्द्धन एवं रास्तों का रख-रखाव किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने खनन पट्टा परियोजना प्रस्तावक मैसर्स हरूनाथ मांइस एंड मिनरल्स कुंदन सिंह बिष्ट को जनता को विष्वास मे लेते हुए मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए,कहा यही दोनों के लिए लाभप्रद होगा। साथ ही जनता की मांग के अनुसार सोलर लाईट लगाने को कहा, व ग्रामसभा की महिला समूह के माध्यम से पौधारोपण लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने खनन कार्य पूर्ण शर्तो व नियमानुसार करने के निर्देश मौके पर दिए।
इसके उपरांत विश्व ओजोन संरक्षण दिवस पर जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जनता से पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाने की अपील की, ताकि ओजोन परत संरक्षित रह सके। क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डॉ. डीके जोषी ने कहा कि यह दिन हमारे गृह पृथ्वी की सुरक्षा में ओजोन परत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। ओजोन परत मुख्य रूप से ट्राइऑक्सीजन अणुओं से बनी है, जो सूर्य से हानिकारक पराबैंगनी किरणों के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करती है। उन्होंने कहा हमें एसी, रेफ्रीजरेटर आदि का कम से कम प्रयोग करना चाहिए। इस दौरान क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डॉ. डीके जोशी, परामर्शदाता भरत सिंह रावत सहित ग्रामीण मौजूद थे।