Minister gave orders to fill vacant posts in Irrigation and Minor Irrigation Department immediately
महाराज ने कहा सूर्यधार झील जैसी गलती अक्षम्य
देहरादून। आप लोग बाढ़ सुरक्षा कार्यों की बात करते हैं! सूर्यधार झील को बिना परमिशन के 7 से बढ़ाकर 10 मीटर कर दिया गया जो कि बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जानबूझकर इस तरह से कार्य करने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा।
उक्त बात प्रदेश के सिंचाई एवं लघु सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को यमुना कॉलोनी स्थित सिंचाई विभाग मुख्यालय के सभागार में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एक ओर हम बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बारे में बात करते हैं और उसके लिए कार्य भी करते हैं जबकि वहीं दूसरी ओर मानक और तकनीकी के विपरीत कार्य करते हैं।
सूर्यधार झील को 7 से 10 मीटर बिना परमिशन के बढ़ा दिया गया। वास्तव में यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पता चलता है कि हमारी कोई कार्य संस्कृति ही नहीं है। हम जो चाहे बिना परमिशन के करते रहें। शर्म की बात है कि इतनी तकनीकी और ज्ञान रखने के बावजूद भी कहीं की स्कीम को कई फिट कर दिया गया। इस तरह के गलत कार्यों के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक में विभाग द्वारा विगत वर्षों में किये गये कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के साथ-साथ केंद्र पोषित योजनाओं की प्रगति, राज्य सेक्टर की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के अलावा आगामी प्रस्तावित कार्य योजना और विभाग में स्वीकृत एवं कार्यरत रिक्त पदों की जानकारी के साथ-साथ विभागीय समस्याओं एवं सुझाव को भी सुना।
श्री महाराज ने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग में रिक्त पदों को तत्काल भरने का आदेश देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है सभी अधिकारी, कर्मचारी मन लगाकर काम करें, जो सही काम करेगा उसे सम्मान मिलेगा। हमें संकल्प लेना है कि यात्रा को सफल बनाना है और बरसात से पूर्व सभी कार्यों को पूर्ण करना है।
उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को भी कार्यों से संबंधित जानकारी देते रहें। महिला मंगल एवं युवक मंगल दलों को काम दिया जाए। समय समय पर प्रदेश के सभी जलाशयों की मॉनिटरिंग की जाये और गंगा एवं भागीरथी सहित अन्य नदियों के बढ़ते लेवल को ठीक किया जाये। बैठक के दौरान सिंचाई मंत्री ने टीएचडीसी के अधिकारियों को दूरभाष पर वार्ता कर टिहरी झील के किनारे तार बाड़ करने के लिए भी निर्देश दिये। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि टिहरी बांध प्रभावित 415 विस्थापितों के पुनर्वास के लिए धनराशि वितरण का कार्य शीघ्र किया जाएगा।
बैठक मे सिंचाई विभाग के एच.ओ.डी. मुकेश मोहन, लघु सिंचाई के एच.ओ.डी. बृजेश तिवारी, संयुक्त सचिव प्रोफ़ेसर जी.एल. शर्मा, अपर सचिव यू.एन. पांडे सहित सभी जनपदों के अधिकारी उपस्थित थे।