सोमवार को इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र समाज कार्यकारिणी समिति, गुजराती समाज समिति और हरिद्वार गुज्जू परिवार समिति के सदस्यों सहित उत्तराखण्ड में कार्यरत महाराष्ट्र और गुजरात मूल के अधिकारियों और उनके परिवारजनों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर दोनों राज्यों की समृद्धशाली परम्परा और लोक संस्कृति पर आधारित शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इन प्रस्तुतियों में दोनों राज्यों की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली।
इस कार्यक्रम में उपस्थित राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उपस्थित दोनों राज्यों के निवासियों को स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन दो जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्यों की नींव रखे जाने का दिन है, जिन्होंने भारत के इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गुजरात अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और परम्पराओं के लिए जाना जाता है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली भी है। वहीं महाराष्ट्र भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का घर है। यहां पर छत्रपति शिवाजी सहित अनेक महापुरूषों ने जन्म लिया है। राज्यपाल ने कहा कि यह बेहद सराहनीय प्रयास है कि हम सभी दोनों राज्यों के स्थापना दिवस को मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत की ही विशेषता है कि यहां विविधताओं के बावजूद भी एकता है। इस तरह के कार्यक्रम राष्ट्र एकता के लिए बेहद जरूरी है।
इस अवसर पर सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन ने उपस्थित दोनों राज्यों के निवासियों को राजभवन में स्वागत करते हुए उन्हें स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा सभी राज्यों में अन्य राज्यों के स्थापना दिवस को मनाने के निर्देश प्राप्त हुए जिसके परिप्रेक्ष्य में राजभवन में आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने दोनों राज्यों से पधारे सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, आईजी कार्मिक विम्मी सचदेवा, डीआईजी अनंत शंकर ताकवाले, अपर सचिव विजय जोगदण्डे, वरिष्ठ वित्त अधिकारी एनएचएम श्रीमती दीपाली नीलेश भरणे सहित महाराष्ट्र एवं गुजरात समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वित्त नियंत्रक डॉ तृप्ति श्रीवास्तव ने किया।