राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने रविवार को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में नागरिक परिषद ग्वालियर द्वारा विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की विजय दिवस भारतीय सेना के शौर्य गाथा का पुण्य स्मरण करवाता है। राज्यपाल ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के जीत के नायकों को शत्-शत् नमन करते हुए कहा की विजय दिवस कई मायनों में अहम है।
भारत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ महज 13 दिनों में युद्ध जीता था। इसके परिणामस्वरूप एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ, जिसे आज बांग्लादेश के रूप में जाना जाता है। इस युद्ध का परिणाम पाकिस्तान को आज भी खुद पर शर्मिंदा होने की याद दिलाता है। उन्होंने कहा की इस गौरवशाली इतिहास को सदा याद रखा जाएगा। इस ऐतिहासिक युद्ध में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने अपने घुटने टेक दिए थे।
राज्यपाल ने कहा की विजय दिवस हमें हमारे वीर योद्धाओं के प्रति श्रद्धा भाव से भर देता है। हमें अपने आप में जोश और जज्बे से भर देता है। हमें देश की रक्षा के लिए सदैव बलिदान देने वाले अपने वीर सैनिकों के मान सम्मान में सदैव तत्पर रहना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को भारतीय सेना के वीर, साहसी, पराक्रमी व समर्पित जवानों पर गर्व है। राष्ट्र की एकता, सम्प्रभुता तथा अखण्डता की रक्षा हेतु समर्पित हमारी सेना तथा इसका प्रत्येक जवान हमारा गौरव है। विजय दिवस भारतीय सेना के साहस, वीरता, शौर्य तथा पराक्रम का प्रतीक है।