Governor Gurmeet Singh participated as the chief guest in the honor ceremony organized by the Saarthi Sanstha of Culture in Gurugram, Haryana.
देहरादून/गुरुग्राम हरियाणा , 10 सितम्बर – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने शनिवार को गुरूग्राम, हरियाणा में संस्कृति के सारथी संस्था द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले 15 शिक्षाविदों एवं कला साधकों को ‘‘संस्कृति के सारथी सम्मान’’ प्रदान किये।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक की ताकत असाधारण होती है। शिक्षक के कार्य समय की दिशा बदल सकते हैं। वे कभी भी साधारण नहीं होते हैं, असाधारण शिक्षक असंभव को भी संभव बना देते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आज देश आज़ादी के ‘अमृत महोत्सव’ के बाद अब स्वर्णिम सपनों को साकार करने में लग चुका है। नए सपनों, नए संकल्पों को सच करने के लिए एक नये मुकाम पर पहुँच गया है। आने वाले 25 वर्ष हमारे देश को स्वर्णिम सोपानों पर आगे बढ़ाने वाले हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आज के बच्चे स्वर्णिम भारत के निर्माण में भूमिका निभाएंगे। आज के विद्यार्थी शिक्षा, ज्ञान, कौशल, मेहनत, लगन, परिश्रम और साधना के बल पर भारत को समृद्ध, सशक्त और विश्वगुरू के रूप में स्थापित करेंगे। इन सब सपनों के पीछे हमारे गुरुओं का सबसे बड़ा योगदान होगा।
उन्होंने कहा कि देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इन सपनों को साकार बनने के लिए ही तैयार की गयी है। यह नीति हमारे शिक्षकों की सक्रियता के बल पर ही धरातल पर उतरेगी। इस शिक्षा नीति को अपने परिश्रम की पराकाष्ठा और बौ़द्धक कुशलता से लागू करेंगे और अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृति के सारथी एक ऐसी संस्था है जो विगत 10 वर्षों से गुरुग्राम में शिक्षा के गुणवत्ता में वृद्धि एवं कला, साहित्य और संगीत के माध्यम से समाज में भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए कार्य कर रही है जो सराहनीय कार्य है। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी और कई लोग उपस्थित रहे।