देहरादून : ग्रीन इंडिया मिशन योजना के अंतर्गत भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी द्वारा अपने सभी रेंज क्षेत्रों में वन पंचायत सदस्यों, ग्राम वन पंचायत सदस्यों और स्थानीय कृषकों को विभिन्न प्रकार के रोजगार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाना, उनकी आय में वृद्धि करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।
इस मिशन के तहत कई प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कृषि वानिकी एवं पौधालय प्रबंधन, मशरूम उत्पादन, डेयरी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, जैम, चटनी और अचार निर्माण शामिल हैं। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन कृषिवन, देहरादून समेत अन्य विशेषज्ञ, संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जीआईएस/ जीपीएस/ ड्रोन संचालन/ कंप्यूटर हैंडलिंग और डिजिटल टूल्स के प्रशिक्षण को भी कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

प्रमुख रेंज क्षेत्रों में प्रशिक्षण जारी: यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के विभिन्न रेंजों –लांघा रेंज, चुरानी रेंज, कालसी रेंज, चुहारपुर रेंज और चकराता रेंज में लगातार आयोजित किए जा रहे हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा करना, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना है।
पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संवर्धन का दोहरा लाभ: इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से न केवल ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी यह महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, स्थानीय कृषक और ग्रामीण समुदाय अपने स्तर पर इन व्यवसायों को अपनाकर अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और कृषकों ने भाग लिया और उत्साहित होकर अपने स्वयं के उद्यम स्थापित करने की इच्छा जताई। भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी भविष्य में भी इस प्रकार के रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण जारी रखने की योजना बना रहा है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।