देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर काफी सख्त है। विगत कुछ वर्षों में उत्तराखंड में वन विभाग की जमीनों पर विशेष धर्म के लोगों ने अवैध कब्ज़ा कर लिया था। विशेष धर्म के लोगों ने वन विभाग की जमीनों पर अवैध कब्ज़ा ज़माने के लिए मस्जिद एवं मदरसों का निर्माण कर लिया था, जिसे लैंड जिहाद का नाम दिया जा रहा है। धामी सरकार ने लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान चलाकर अब तक हजारों एकड़ सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करा चुके हैं। इसी क्रम में तराई केन्द्रीय फॉरेस्ट डिविजन के टांडा रेंज में बुधवार शाम को वन विभाग के बुलडोजरों ने गुज्जरों के अवैध कब्जों को ध्वस्त कर दिया. वन विभाग को सूचना मिली थी कि जंगलों में अवैध रूप से बाहरी प्रदेशों से आए गुज्जर अवैध रूप से बस गए है और वहां उन्होंने अवैध रूप से मदरसे भी बना लिए है।
उत्तराखंड फॉरेस्ट के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डा पराग मधुकर धकाते ने बताया कि तराई क्षेत्र के टांडा रेंज में अतिक्रमण को लेकर मीडिया में आई खबरों को मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन उधमसिंह नगर और तराई सेंट्रल फॉरेस्ट डिविज़न के अधिकारियों की संयुक्त कारवाई में उक्त अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है और एक एकड़ वनभूमि पर बने धार्मिक अतिक्रमण को हटा दिया गया. यहां अवैध रूप से मदरसे बनाये गए थे और इसके लिए प्रशासन से अनुमति नही ली गई थी।
डा धकाते ने बताया कि पूर्व में भी यहां से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए गए थे, परंतु इनके द्वारा नियमानुसार जंगल की जमीन को खाली नहीं किया गया था। इस लिए आज सख्त कारवाई को बाध्य होना पड़ा.
उन्होंने बताया कि जंगल में किसी भी प्रकार की धार्मिक स्थल बनाए जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती और यदि कोई बनाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कारवाई की जाएगी, साथ ही विभागीय अधिकारियों पर भी कारवाई की जाएगी।
डा धकाते ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर राष्ट्रीय राज मार्गो के किनारे फॉरेस्ट लैंड से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहेगा और कोई भी धार्मिक चिन्ह जंगल में नही बनने दिया जाएगा. गौरतलब है कि मई से लेकर अब तक 3137 एकड़ वन विभाग की जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जा चुका है।