Retail
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
Devbhoomisamiksha Logo
No Result
View All Result

कोलोरेक्टल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव

by Rajendra Joshi
February 20, 2025
in स्वास्थ्य
0
-
  • कोलोरेक्टल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव
  • डॉ. सौरभ तिवारी, कंसल्टेंट, ऑन्कोलॉजी व कैंसर केयरमैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल देहरादून

हरिद्वार : कैंसर दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारणों में से एक है। हालांकि, चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के साथ, अब कई प्रकार के कैंसर ठीक किए जा सकते हैं, जिनमें चौथे स्टेज पर होने के बावजूद भी उपचार की संभावना  है।  ऐसा ही एक कैंसर कोलोरेक्टल कैंसर है, जो भारत में चार सबसे आम कैंसर में शामिल है।

कोलोरेक्टल कैंसर आमतौर पर, आंतों या रेक्टल परत जिसे पोलिप कहा जाता है, उसकी सतह पर बटन जैसी गाँठ के रूप में शुरू होता है। जैसे जैसे कैंसर बढ़ता है, यह आंत या मलाशय की दीवार पर फैलना शुरू कर देता है। आस-पास की लसीका ग्रंथि पर भी फैल सकता है। चूँकि आंत की दीवार और अधिकांश मलाशय से रक्त को लिवर में ले जाया जाता है, कोलोरेक्टल कैंसर पास की लसीका ग्रंथि में फैलने के बाद लिवर में फैल सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर आमतौर पर बुजुर्गों में अधिक पाया जाता है, लेकिन यह युवा लोगों को भी प्रभावित कर सकता है।

कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना उम्र के साथ बढ़ जाती है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में। सफल उपचार के लिए इसका समय पर पता लगना बेहद महत्वपूर्ण है।कोलोरेक्टल व कोलन कैंसर के लक्षणों में  मल में खून आना या काला होना, लगातार पेट दर्द या ऐंठन, वजन में अचानक कमी , अपच, पेट में भारीपन या गैस की समस्या, मलत्याग में बदलाव, जैसे दस्त या कब्ज की समस्या, कमजोरी और थकान आदि प्रमुख है।कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज ट्यूमर की स्थिति और कैंसर के स्तर पर निर्भर करता है। नियमित जांच के माध्यम से शुरुआती पहचान से ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। आमतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर की जांच 50 वर्ष की उम्र में कराने की सलाह दी जाती है, लेकिन जिन लोगों को अधिक जोखिम होता है, उन्हें जल्द ही जांच शुरू करानी चाहिए।

-

मुख्य उपचार विकल्पों में सर्जरी शामिल है, जिसके द्वारा कैंसरग्रस्त टिश्यू को हटाया जाता है, कीमोथेरेपी, जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है, और रेडियोथेरेपी, जो विकिरण के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाकर खत्म करती है। सफल उपचार के बाद भी, कैंसर मरीजों को निरंतर देखभाल और नियमित जांच की आवश्यकता होती है ताकि उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा सके और कैंसर की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

कोलोरेक्टल कैंसर के कुछ कारणों जैसे कि उम्र और आनुवंशिकता को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करके इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्वस्थ आहार लेना, शराब के सेवन से बचना या उसे सीमित करना, धूम्रपान छोड़ना और नियमित रूप से व्यायाम करना इस जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित जांच करवाकर कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक घटाया जा सकता है। जागरूकता बढ़ाना समय पर जांच कराने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है और उपचार के परिणामों में सुधार किया जा सकता है।

कोलोरेक्टल कैंसर एक गंभीर लेकिन रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी है। इसके जोखिम कारणों को समझ कर, लक्षणों को पहचान कर और रोकथाम के उपाय अपना कर व्यक्ति कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से अपना बचाव कर सकता है। नियमित जांच और जीवनशैली में बदलाव कोलोरेक्टल कैंसर के बोझ को कम करने, समय पर पहचान सुनिश्चित करने और जीवित रहने की दर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Tags: breaking newslatest newsMAX

Related Posts

-
स्वास्थ्य

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से भाजपा के वरिष्ठ नेता पुष्कर काला ने की भेंट, आगामी पंचायत चुनावों को लेकर की विस्तृत चर्चा

Health Secretary Dr R Rajesh Kumar
स्वास्थ्य

उत्तराखंड : बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर लगेगी लगाम- स्वास्थ्य सचिव

Health Secretary Dr R Rajesh Kumar
स्वास्थ्य

सरकार फार्मा उद्योग के साथ है, लेकिन औषधियों की गुणवत्ता से नहीं किया जाएगा कोई समझौता- डॉ आर राजेश कुमार

-
स्वास्थ्य

देहरादून में स्वास्थ्य संवाद व विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन

Load More
Next Post
File Photo- Minister Ganesh joshi

उत्तराखंड का बजट ऐतिहासिक, गरीबों, युवाओं और नारीशक्ति के उत्थान पर विशेष ध्यान: गणेश जोशी

Leave Comment

Like Us

Facebook New 01

Web Stories

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
Author: Rajendra Joshi
Website: Devbhoomisamiksha.com
Email: info@devbhoomisamiksha.com
Contact: +91-9456762615
AppstoreiOS 1 E1725977117558
AppstoreAndroid 1
  • About
  • Contact Us
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।