देहरादून। उत्तराखंड अगले साल 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए मैदान तैयार हैं और हर किसी को राज्य के खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन का इंतजार है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राजधानी देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी सहित सात स्थानों पर राष्ट्रीय खेल होने हैं। खेलों के आयोजन के लिए अवस्थापना कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। खेल विभाग के निदेशक जितेंद्र सोनकर ने जानकारी देते हुये बताया की जो काम शेष हैं, उन्हें इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करें, इसके लिए सरकार की ओर से नई खेल नीति बनाते हुए इसमें खेलों के विकास के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। खेल नीति में न सिर्फ पदक विजेता खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों की राशि बढ़ाई गई है, बल्कि खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को छह लाख, रजत पदक विजेता को चार लाख और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों की पुरस्कार की राशि तीन लाख रुपये की गई है। खिलाड़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए कई विभागों में सरकारी नौकरी की भी व्यवस्था की गई है। राज्य को राष्ट्रीय खेलों में एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, बॉस्केटबॉल, वालीबॉल, बैडमिंटन, कराटे आदि प्रतियोगिताओं में पदक जीतने की उम्मीद है।
खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है, राज्य से पलायन कर दूसरे राज्यों से खेलने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड से खिलाने का प्रयास किया जाएगा। राष्ट्रीय खेल देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर, गुलरभोज व नैनीताल में होंगे। अफसरों का कहना है कि विभाग की ओर से खेलों के अनुरूप सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग के पास दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, 24 राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, पांच बहुउद्देशीय खेल हॉल, 16 इंडोर हॉल, चार तरणताल, एक आइस रिंक है। इसके अलावा तीन राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, छह बहुउद्देशीय खेल हॉल, तीन इंडोर हॉल, एक शूटिंग रेंज एवं एक एक्वेटिक सेंटर की स्थापना की जा रही है।