पिथौरागढ़। चीन सीमा से लगे मुनस्यारी तथा धारचूला विकासखंड के पिछड़ी जाति में घोषित समुदाय के लोगों को ईडब्ल्यूएस का लाभ दिए जाने का मामला उत्तराखंड शासन स्तर पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद समाज कल्याण विभाग को मामला हस्तांतरित कर दिया गया है। शासन स्तर पर हुई हलचल के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस समुदाय को इस बार न्याय मिलेगा। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस मामले को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन देकर उठाया था। जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया का कहना है कि विकासखंड मुनस्यारी तथा धारचूला के पिछड़ी जाति में घोषित समुदाय को केंद्रीय पिछड़ी जाति का आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्रीय आरक्षण मिलने तक इस समुदाय के लोगों को ईडब्ल्यूएस का लाभ दिए जाने का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। इस संदर्भ में राज्य सरकार के साथ दर्जनों बार पत्राचार किया गया, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि पिछड़ी जाति के आरक्षण का लाभ केवल राज्य सरकार की नौकरियों में ही मिल रहा है। केंद्र सरकार की नौकरियों में दोनों विकास खंडों के पिछड़ी जाति समुदाय को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दोनों विकास खंडों की पिछड़ी जाति समुदाय को केंद्रीय पिछड़ी जाति का आरक्षण दिए जाने का मामला सरकारों के द्वारा ठंडा बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछड़ी जाति के रूप में घोषित दोनों विकास खंडों के उक्त समुदाय को ईडब्ल्यूएस का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ईडब्ल्यूएस का लाभ सामान्य जाति के लोगों को ही मिलेगा।
केंद्रीय आरक्षण में मुनस्यारी तथा धारचूला विकासखंड की पिछड़ी जाति भी सामान्य समुदाय की तरह प्रतिभाग कर रही है। इसलिए केंद्र सरकार के सरकारी पदों की भर्ती में दोनों विकास खंडों के पिछड़ी जाति में घोषित समुदाय को ईडब्ल्यूएस का लाभ दिया जाना चाहिए। इस संदर्भ में भेजे गए ज्ञापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसूची जेपी बेरी ने सचिव समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड शासन को यह प्रस्ताव भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वर्षों से चल रहे इस मामले में जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया के पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद इस मामले में कुछ सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि प्रधानमंत्री के विकासखंड धारचूला के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर घोषणा की आशा की जा रही थी, लेकिन इस समुदाय को इस दौरे से भी इस मामले में निराशा ही हुई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में तत्काल फैसला नहीं लेती है, तो इस समुदाय को साथ में लेकर राज्य तथा केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।