देहरादून, उत्तराखण्डः झाझरा स्थित गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ० के०के०बी०एम० सुभारती अस्पताल में सनातन संगम न्यास के संयुक्त तत्वाधान से सनातनी धम्मयोजन की ज्योति प्रज्जवलित की गई ।
यह कार्यक्रम गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय के विशाल प्रांगण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में भारतीय जनता पार्टी (उत्तराखण्ड) के अध्यक्ष महेन्द्र भटट् व विशिष्ट अतिथि के रुप मे सांसद राज्यसभा एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष माननीय नरेश बंसल जी रहे, जिन्होनें कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० देश दीपक, अस्पताल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ० अनिल मोंगिया, चिकित्सा अधीक्षक डॉ० राहुल शुक्ला, उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ० रविन्द्र सिंह असवाल एवं सहायक चिकित्सा अधीक्षक दिपिका भयाना द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के “मन की बात” का सीधा प्रसारण भी हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सनातन ज्योति को धम्मातिथियों एवं धर्माचार्यों के द्वारा प्रज्ज्वल्लित कर के किया गया। इसे मुख्य अतिथि माननीय महेंद्र भटट्, विशिष्ट अतिथि नरेश बंसल के साथ सनातन संगम न्यास के न्यासी अमित जैन एवं अपना परिवार के पुरूषोत्तम भट्ट द्वारा संयुक्त रुप से प्रज्ज्वल्लित किया गया।
विपणन, प्रचार-प्रसार एवं जनसंपर्क प्रमुख डा० प्रशान्त कुमार भटनागर एवं सहायक निदेशक अमित जोशी ने धार्मिक अतिथियों का शॉल ओढाकर उनका अभिनंदन एवं सतकार किया। विशेष कार्याधिकारी बलवंत सिंह बोहरा, उप-प्रधानाचार्या डॉ० रूपा हंसपाल एवं सहायक परियोजना निदेशक डॉ० लोकेश त्यागी ने मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
आयोजन के प्रारंभ में सनातनी पद्धति के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवताचार्य पंडित सुरेश डबराल द्वारा हवन के साथ हुई। इसके बाद डॉ० शान्ता कुमार नेगी द्वारा उद्बोधन एवं बौद्ध मंत्र उच्चारण भजन किया गया तथा जैन पंडित संदीप सजल द्वारा उद्बोधन एवं णमोकार मंत्र उच्चारण किया गया । तत्पश्चात भाई ललित सिंह एवं भाई मिन्टू सिहं द्वारा सिख धर्म के मूल मंत्र पाठ एवं शबद कीर्तन आयोजित हुए। खेंपो जामयांग जिनपा द्वारा बौद्ध रीति रिवाज से पूजा की गई । सनातन संगम न्यास एवं सुभारती ग्रुप के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण द्वारा सनातन संगम का विस्तृत परिचय दिया गया। उन्होंने बताया कि सनातन का अर्थ है “वह जो चिरकाल से है, जो शाश्वत है जो अपरिवर्तनीय है” जब इस शब्द का प्रयोग किसी दर्शन के संबंध में किया जाता है तो इसका अर्थ उन सिद्धांतों से होता है जो किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं बनाए गए एवं स्वयं प्रकृति ने उन्हें मानव को उसके धर्म स्वरूप दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के द्वारा दिए गए सनातन मूल्य वे हैं जिन पर चलकर व्यक्ति अपना एवं संपूर्ण सृष्टि का मंगल कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह सनातन मूल्य प्रेम, करुणा, मैत्री, समानता सद्भावना एवं समन्वय का हैं। डॉ. अतुल कृष्ण ने आगे कहा कि आज आपसी टकराव के कारण जो अंधकार चारों ओर फैला है उसे मिटाने का काम सनातन संगम की यह ज्योति ज्वाला बनकर करेगी।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि माननीय महेंद्र भटट् जी ने कहा कि सनातन बहुत व्यापक विषय है उनके अनुसार जो कभी अंत न हो वो सनातन है। भारत की सनातनी पद्दति में तन के साथ मन का भी सुख निहित हैं सनातन में सुख के लिए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की बात कही गयी हैं। उन्होनें यह भी कि सनातन संगम के इस पुनीत विचारधारा को ना केवल शहरो तक सीमीत किया जाए बल्कि इसे गांव-गांव तक पहुंचाया जाए। इस काम में मैं सनातम संगम न्यास के साथ सदैव कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हूँ।
इसके उपरांत कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नरेश बंसल ने सुभारती ग्रुप की इस अनुठी पहल की सराहना करते हुए कहा की आज के युग में ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं। समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को एकजुट होकर भारतवर्ष के हित में कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन विवेक कुमार द्वारा किया गया। सभी उपस्थित जनों को सनातन संकल्प दिलाया गया तथा सामुहिक रूप से आजाद हिन्द गान गाया गया। रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री यशवर्धन ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री विनय रोहिल्ला, झाझरा की ग्राम प्रधान पिंकी देवी, किसान मोर्चा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष मीता सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० राजेश मिश्रा, सुभारती विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति डॉ० डी०बी० रॉय समेत विश्वविद्यालय एवं अस्पताल के समस्त विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, चिकित्सकगण, शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के आयोजन में डॉ० रविन्द्र प्रताप सिंह यादव, डॉ० रितेश श्रीवास्तव, लालजी अस्थाना, विकेन्द्र सिंह कठैत, जितेन्द्र त्यागी, हरीश शर्मा, रवि मित्तल, राजदीप, रविकान्त, पंकज जोशी, संदीप, प्रवेश, शिवांशु, अजय, रविन्द्र, कृष्णा, विपुल, सन्नी, सतीश, अंशुल, सचिन एवं एम०बी०बी०एस० छात्र-छात्राओं आदि का योगदान रहा।