पूर्वोत्तर राज्यों में सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण ने इसके लिए उत्तराखंड में सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती करने वाली अग्रणी संस्था धार क्षेत्रीय विकास संस्थान के साथ एम.ओ. यू. साइन किया है।
धार क्षेत्रीय विकास संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय पाल सिंह पँवार ने इसके सम्बन्ध में जानकारी दी कि संस्था के एक प्रतिनिधि मंडल ने बीते शनिवार को संस्था के विषय विशेषज्ञों ने मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण के कमिश्नर से इस सम्बन्ध में वार्ता की जिसमें मेघालय राज्य में सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती के विकास एवं विस्तार के बारे में विस्तृत चर्चा हुई, इसके उपरांत मेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण राज्य में लैवेंडर, रोजमेरी, डंडेलियोंन, थाइम आदि सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती को विकसित करने के लिए धार क्षेत्रीय विकास संस्थान के साथ एक एम.ओ. यू. साइन किया है, जिसमें इसके प्रथम चरण का कार्य मई माह से ही प्रारम्भ किया जायेगा। आपको बता दें कि धार क्षेत्रीय विकास संस्थान उत्तराखंड में सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती को विकसित करने वाली अग्रणी संस्था है जो कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औषधीय पादपों की खेती के विकास के लिए पिछले ६-७ सालों से कार्य कर रही है. उत्तराखंड के ८-९ जनपदों में संस्था के साथ ६५०० कृषक इस खेती से जुड़े हैं जिनके द्वारा लगभग ५५० हेक्टेयर में औषधीय पादपों की खेती की जा रही है. प्रारम्भ में संस्था ने कीर्तिनगर विकासखंड के धार पाइयांकोटी गाँव से इसकी शुरुआत की थी तथा आज धार पैंयाकोटि के आस पास से लेकर कीर्तिनगर विकासखंड के दर्जनों गाओं के किसानों को इससे जोड़ा जा चुका है इसके अंतर्गत कृषक सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती से अच्छी खासी आय कमा रहे हैं. संस्था उत्तराखंड के साथ-साथ जम्मू, हिमांचल तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में भी सगंध एवं औषधीय पादपों की खेती के विस्तार पर कार्य कर रही है.