देहरादून। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देहरादून पहुंचे। परेड ग्राउंड के खेल मैदान में उनका दिव्य दरबार लगा। उन्होंने एक बार फिर भारत को हिन्दू राष्ट्र की मांग दोहराई। हर बार की तरह ही उन्होंने लोगों के पर्चे खोले ओर उनकी समस्या के बारे में बात की। उनके दरबार को लेकर भक्तों में खासा उत्साह दिखा। परेड ग्राउंड के खेल मैदान में पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा। रात 8:20 बजे धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे।
धीरेंद्र शास्त्री ने मंच को प्रणाम करते हुए हनुमान जी के चरणों मे शीश नवाया। मंच पर सबसे पहले संतो ने सनातन की हुंकार भरी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देवभूमि में कण कण में भगवान का वास है। सौभाग्य है कि आप लोगों को देवभूमि में जन्म मिला। अब हर घर से एक बच्चा सनातन का कफ़न बांधकर निकलेगा। दुनिया की कोई भी शक्ति हनुमान जी के सामने टिक नहीं सकती। जब शरीर दूसरा खून स्वीकार नहीं कर सकता, तो हम दूसरे मजहब को क्यो स्वीकार करें। यह देश बाबर का नही, रघुवर का है। उन्होंने कहा कि पर्चा तो बहाना है असल मे तुम सब को सनातनी बनाना है। उन्होंने कहा कि, सनातन के संतों को छोड़कर किसी की क्षमता नहीं है कि बागेश्वर धाम का सामना कर सके।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सीडीएस बिपिन रावत की धरती पर पशुपति नाथ मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि अबकी बार कम समय मिला है। देहरादून में जल्द ही पांच दिन की कथा करेंगे। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री दुनियाभर में प्रसिद्ध है। शुक्रवार को उनका देहरादून में पहली बार दिव्य दरबार लगा। उनकी एक झलक देखने को लोगों ने क्या-क्या नहीं किया। कोई पुलिस से झड़प गया तो कोई सुबह से ही दरबार में आगे खड़े होने के लिए परेशान रहा। एक झलक दिख जाए इसके लिए उनके भक्त आसपास ऊंचे स्थानों पर चढ़ गए। परेड ग्राउंड के खेल मैदान में धीरेंद्र शास्त्री के दरबार को लेकर भक्तों में खासा उत्साह था। भक्तों का सुबह से ही दरबार मे आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दरबार मे महिलाएं सुबह से ही आकर अपना स्थान कब्जाने लगी थी। भरी धूप में महिलाएं पंडाल में बैठकर भजन कीर्तन करने लगी। महिलाओं का कहना था कि, धीरेंद्र शास्त्री का दरबार देहरादून में पहली बार लग रहा है। धीरेंद्र शास्त्री का दून में पहली बार दरबार लगा तो काफी बड़ी संख्या में भक्त उनके दरबार में पहुँचे।
आयोजकों की ओर से दरबार शुरू होने का समय 4 बजे दिया गया था। इसलिय भक्त सुबह से ही दरबार में आकर बैठ गए। लेकिन धीरेंद्र शास्त्री तकनीकी समस्या के कारण तय समय से करीब चार घंटे देरी से पहुंचे, लेकिन इस दौरान भी भक्तों का जोश कम नहीं हुआ। जहा मंच पर थोड़ी हलचल होती तो सभी भक्त खड़े होकर जयश्री राम के जयकारे लगाने लगे। धीरेंद्र शास्त्री रात 8:20 बजे मंच पर पहुंचे। उनके आते ही भक्तों में जोश भर गया। जय श्रीराम के जयकारों से दून गूंज उठा।