देहरादून – दिन प्रति दिन शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ाई का कंपटीशन बढ़ने के कारण बच्चों के दिमाग और बस्ते पर भी बोझ बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए जल्द ही उत्तराखण्ड के सरकारी स्कूलों में रखा जाएगा हफ्ते के एक दिन नो बैग डे। दरअसल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के बस्ते का बोझ कम करेंगे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत। शिक्षा मंत्री ने बीते मंगलवार को कहा कि सरकार बस्ते का वजन कम करने का प्रयास कर रही है।
इसके लिए तय मानकों को सख्ती से लागू किया जाएगा। जल्दी ही उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई समेत अन्य 5 बोर्डो के साथ बैठक आयोजित कर इस योजना पर विचार करके कार्य शुरू किया जाएगा। डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक योजना के तहत हफ्ते में एक दिन नो बैग रखा जाएगा। जिसमे बच्चे स्कूल में किताबें लेकर नहीं आएंगे और केवल खेलकूद और अन्य गतिविधियां करेंगे। जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होगा।
साथ ही शिक्षा मंत्री ने सरकारी स्कूलों में किताबों की कमी को लेकर चर्चा की। उनका कहना है कि इस वर्ष अशासकीय स्कूलों को कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को मुफ्त किताबें देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत करीब 4 लाख किताबें छापी जाएंगी। स्कूलों को हफ्ते–दस दिन के बाद किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। अगले वर्ष किताबों की कमी ना हो इसके लिए बुक बैंक के रूप में ठोस प्रबंध किया जा रहा है।
शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले ही हर स्कूल को किताबे मुहैया करने की कोशिश की जाएगी। साथ ही शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की किताबों से कुछ पाठ हटाने के विवाद पर कहा कि लोग कह रहे हैं कि देश में इतिहास को बदला जा रहा है। ऐसा नहीं है। इतिहास बदला नहीं जा रहा है बल्कि इतिहास को सही तरह से सामने लाया जा रहा है।