Retail
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
Devbhoomisamiksha Logo
No Result
View All Result

राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने किया अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन

by Mukesh Joshi
October 31, 2023
in देश, नई दिल्ली
0
-

नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने आज नई दिल्ली में ‘साउथ एशियन रीजन में फूड लॉस एंड वेस्ट प्रीवेंशन’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। ‘साउथ एशियन रीजन में फूड लॉस एंड वेस्ट प्रीवेंशन’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और जर्मनी के थुनेन संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के उप-महानिदेशक (एनआरएम) डॉ. एसके चौधरी, जर्मनी के थुनेन इंस्टीट्यूट के अनुसंधान निदेशक डॉ. स्टीफन लैंग, भाकृअनुप के उप महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. एस. एन. झा और भारत, बांग्लादेश, भूटान, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के लगभग 120 प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अपने संबोधन में सुश्री शोभा करंदलाजे ने किसानों और उपभोक्ताओं से संबंधित एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक मुद्दे को हल करने के लिए आईसीएआर और जर्मनी के थुनेन इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लगभग 3 बिलियन टन खाद्य पदार्थों की बर्बादी होती है। उन्होंने खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी की समस्या के आकार को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विकसित और विकासशील देशों की उपयुक्त प्रौद्योगिकियों और कार्यप्रणालियों को आगे लाया जाना चाहिए ताकि समाज स्वीकार्य तरीकों का उपयोग करके दुनिया भर में हो रही खाद्य पदार्थों की हानि और बर्बादी को कम किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामाजिक संगठनों को विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है और खाद्य-पदार्थों की बर्बादी को कम करने के तौर-तरीकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि खाद्य पदार्थों की बर्बादी न केवल उपभोक्ताओं के लिए सीधा नुकसान है, बल्कि इसका पर्यावरण एवं पूरक अर्थव्यवस्थाओं पर भी असर पड़ता है।

सुश्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि दक्षिण एशिया खाद्यान्न का एक प्रमुख उत्पादक होने के साथ-साथ उपभोक्ता भी है और खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी को कम करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी के साथ-साथ आर्थिक जरूरत भी है। उन्होंने खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी के मुख्य कारणों की पहचान करने का आह्वान किया; सभी हितधारकों के बीच शिक्षा और जागरूकता फैलाने; कुशल फसल एवं भंडारण; स्मार्ट वितरण; उद्योग की भागीदारी; डोनेशन और फूड बैंक; खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में नवाचार; और उपभोक्ता जिम्मेदारी, आदि। उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद्य-पदार्थों की बर्बादी करना एक अपराध है और सभी को अपने बच्चों को खाद्य-पदार्थों को बर्बाद नहीं करने के महत्व के बारे में बताने के लिए प्रेरित किया। उन्हें उम्मीद थी कि तीन दिवसीय कार्यशाला हमें कुछ सार्थक नीति बनाने और एक साथ कार्य करने में मदद करेगी।

स्टीफन लैंग ने उल्लेख किया कि खाद्य पदार्थों की हानि और बर्बादी को कम करने एवं रोकने से ही  जरूरतमंदों तक खाद्य पदार्थों का पहुंचना सुनिश्चित होगा। उन्होंने आगे बताया कि “खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी पर एक सहयोगात्मक पहल” खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी की समस्या से निपटने में अनुसंधान परिणामों और व्यावहारिक अनुभव के वैश्विक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। भारत सरकार खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर और सहयोगी प्रयासों को शुरू करने में सभी पड़ोसी देशों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, फ्रांस की सुश्री क्लेमेंटाइन ओ’कॉनर ने खाद्य पदार्थों की हानि और बर्बादी के मैट्रिक्स तथा कृषि एवं पर्यावरण की स्थिरता पर इसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महामारी, जलवायु परिवर्तन और युद्धों का भी खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने दुनिया भर में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को सीखने और साझा करने तथा उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए नीति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने याद दिलाया कि 2030 तक खाद्य पदार्थों की हानि को कम करके आधा करने के लक्ष्य 12.3 के सतत विकास को हासिल करने के लिए केवल कुछ ही साल बचे हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एडीजी (पीई)  डॉ. के. नरसैया ने खाद्य-पदार्थों की हानि के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर एक परिचयात्मक प्रस्तुति दी और दुनिया भर के विभिन्न समाजों द्वारा प्रचलित खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी को रोकने के लिए स्वदेशी तरीकों के उदाहरण दिए। सभी प्रतिनिधियों ने इस सत्र के दौरान परिवारों, कार्यालयों, उद्योगों, समाज और समुदायों में खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी को रोकने की शपथ ली।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीडीजी (एनआरएम) डॉ. एसके चौधरी और उप महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. एस. एन. झा ने सभी अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया और सत्र में जानकारी दी गई कि फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान और खाद्य पदार्थों की बर्बादी दुनिया के भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग होती हैं। यह काफी हद तक फसलों और वस्तुओं, भंडारण की अवधि, जलवायु, तकनीकी उपाय, मानव व्यवहार, परंपराओं आदि पर निर्भर करता है। अप्रैल 2023 में वाराणसी में आयोजित जी 20-एमएसीएस के दौरान; भारत और जर्मनी के बीच एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई जिसमें दोनों देशों ने खाद्य-पदार्थों की हानि और बर्बादी की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह समझते हुए कि प्रचुर मात्रा में कृषि उत्पादन के बावजूद, उत्पादन से लेकर खपत तक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में पर्याप्त मात्रा में खाद्य-पदार्थों की हानि हो जाती है या बर्बादी हो जाती है, और खाद्य सुरक्षा व उपलब्धता को प्रभावित करता है और यह सब दक्षिण एशियाई क्षेत्र के पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज  के लिए उच्च महत्व रखता है, जो एक प्रमुख खाद्यान्न उत्पादक होने के साथ-साथ खाद्यान्न का उपभोक्ता भी है। उन्होंने साझा किया कि भारत में हर साल लगभग 74 मिलियन टन खाद्य-पदार्थों की हानि हो जाती है। अगर इस हानि को रोका जाये, तो इससे काफी लोग लाभान्वित होंगे।

Tags: breaking news

Related Posts

-
देश

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने की उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना।

-
देश

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने की सीडीएस अनिल चौहान से मुलाकात

-
देश

Gujarat Plane Crash: एयर इंडिया का प्लेन क्रैश, 242 यात्री की मौत की संभावना

-
नई दिल्ली

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करते कृषि मंत्री गणेश जोशी

Load More
Next Post
-

प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य पर केन्‍द्र के हस्तक्षेप से घरेलू बाजार में मूल्य वृद्धि रुकी

Like Us

Facebook New 01

Web Stories

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
Author: Rajendra Joshi
Website: Devbhoomisamiksha.com
Email: info@devbhoomisamiksha.com
Contact: +91-9456762615
AppstoreiOS 1 E1725977117558
AppstoreAndroid 1
  • About
  • Contact Us
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।