लखवाड़ महासू देवता मंदिर की धर्मशाला में आज उत्तराखंड जल विद्युत निगम के अधिकारी और कर्मचारी तथा पंचायत विभाग से सहायक खंड विकास अधिकारी पंचायत एवं ग्राम पंचायत अधिकारी लखवार बांध प्रभावितों कि परिवार रजिस्टर की गणना के संबंध में उपस्थित हुए।
इस बैठक में लखवार बांध प्रभावित ग्रामों के सैकड़ों लोग उपस्थित थे कार्यवाही के आरंभ में चकराता कृषि मंडी के चेयरमैन एवं लखवाड़ बांध विस्थापित sc-st जन कल्याण समिति के अध्यक्ष ने उपस्थित अधिकारियों से उपस्थित जन समुदाय के सामने उनसे आज की कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह लोग परिवार रजिस्टर का सत्यापन जून 2013 के हिसाब से करने के लिए आज जुलाई 2023 में आए हैं इस पर उपस्थित जनसमुदाय दें अपनी नाराजगी व्यक्त की और मांग की कि परिवार रजिस्टर का सत्यापन 2023 की तिथि से होना चाहिए। इस पर समिति के अध्यक्ष ने उपस्थित समुदाय से जो सब बांध प्रभावित थे पूछना कि आप लोग क्या चाहते हैं तो सबने एक स्वर में इस सत्यापन को खारिज करते हुए इसका बहिष्कार किया।
समिति के अध्यक्ष नहीं उपस्थित अधिकारियों से जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रसन्न किया कि अगर आप आज की तारीख तक बड़े परिवारों को सत्यापन करते हैं तो क्या आपके पास कोई शासनादेश है जो 2013 के बाद लागू हुआ हो? तथा उनसे पूछा कि जिन परिवारों का सत्यापन आप करने आए हैं उसमें आपके मानक क्या है? कृपया बताने का कष्ट करेंगे।
इस पर जल विद्युत निगम तथा पंचायत विभाग से आए अधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि हम आज जून 2013 मैं हुई गणना के संदर्भ में परिवार रजिस्टर का सत्यापन उस समय हुए शासनादेश के हिसाब से करने आए हैं।
इस पर समस्त उपस्थित बांध प्रभावितों ने इस सत्यापन का प्रबल विरोध किया जिस पर समस्त बांध प्रभावितों ने यह सत्यापन का प्रबल विरोध किया। और अधिकारियों से सवाल किया कि जब आज तक बांध निर्माण नहीं हुआ और ना ही हमें पूर्व में अधिग्रहण की गई भूमि की अनुदान अनुग्रह राशि जो 2016 में 7500000 रुपए तय की गई थी प्रति हेक्टेयर वह भी आज तक नहीं दी गई। जबकि 82 बांध प्रभावितों को शासनादेश अनुसार उनका भूमि व परिसंपत्तियों का भुगतान सरकार द्वारा कर दिया गया था इस पर समिति के अध्यक्ष का कहना है की लखवार और 82 बांध दोनों ही एक परियोजना के हिस्से हैं उसके बावजूद लखवाड़ बांध के प्रभावितों को उनकी भूमिका जो अनुदान अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए आज तक नहीं दी।