जानिए Loktantra kya hai हैं भारत एक लोकतंत्रात्मक देश है और भारत में समस्त नागरीकों को व्यस्क मताधिकार प्रप्त होता है जिसका मतलब यह हुआ कि प्रत्येक भारत का वह नागरीक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और उसका वोटर लिस्ट में नाम हो वह भारत जैसे लोकतंत्रात्मक देश में अपने मताधिकार का प्रयोग कर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपने प्रतिनिधि को चुन सकता है और यह प्रक्रिया प्रत्येक पाँच साल में दोहराई जाती है। तो आइये नीचे पूरे लेख में आज हम आपको लोकतंत्र से जुड़ी हर पहलु और उसके महत्व के बारे में बिन्दुवार विस्तार से चर्चा करते हैं।
लोकतंत्र क्या है || Loktantra kya hai ||
लोकतंत्र का अर्थ है लोग और शासन, शाब्दिक अर्थ में जनता का शासन। कहने व पढ़ने में लोकतंत्र शब्द छोटा है और अंग्रेजी में डेमोक्रेसी कहलाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को “लोगों की सरकार, लोगों द्वारा और लोगों के लिए” के रूप में परिभाषित किया। जिससे आम जनता अपने मनचाहे प्रतिनिधि चुन सके।
भारत में लोकतंत्र को ‘जनता का शासन, जनता के द्वारा, जनता के लिए’ के रूप में परिभाषित किया जाता है। जहाँ पर भारत के समस्त नागरिकों को सर्वोच्च व सत्ता के केन्द्र में रख कर विभिन्न प्रकार के कार्य किये जाते हैं।
Loktantra ka kya arth hai || लोकतंत्र का क्या अर्थ है ||
‘लोकतंत्र’ शब्द अँगरेजी शब्द ‘डेमोक्रेसी’ का हिंदी रूपांतर है। ‘डेमोक्रेसी’ दो यूनानी शब्दों से बना है— डेमोस (demos) और क्रेशिया (cratia), जिनका अर्थ क्रमश: है – ‘जनता’ और ‘शासन’। इस प्रकार, व्युत्पत्ति की दृष्टि से Loktantra ka arth ‘जनता का शासन’ हुआ। दूसरे शब्दों में लोकतंत्र का अर्थ ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें जनता स्वयं भाग लेती है। लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में संप्रभुता जनता में निहित रहती है। संप्रभुता का अर्थ निर्णय करने की सर्वोच्च शक्ति है। यह ऐसी शक्ति है जिसके ऊपर और कोई शक्ति नहीं होती। स्पष्ट है कि लोकतंत्र में इस सर्वोच्च शक्ति का प्रयोग जनता ही करती है। लोकतांत्रिक सरकार में जनता की भागीदारी होती है और साथ ही उसका नियंत्रण भी।
Loktantra ki kya visheshta hai | लोकतंत्र की क्या विशेषता है|
भारतीय संदर्भ में भारत के प्रत्येक नागरीक जो कि भारत के लोकतंत्र की शक्ति के रूप में जाना जा सकता है, लोकतंत्र शासन करने का एक ऐसा तरीका है जो कि स्वयं लोगों की ही इच्छा पर निर्भर करता है कि नियम और कानून कैसे होने चाहिए।
लोकतंत्र की कुछ विशेषताएं निम्नवत् हैं-
- सामान्य मताधिकार
- जनता की चुनी हुई सरकार सर्वोच्च है।
- जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि सरकार
- बहुमत सर्वमान्य
- निष्पक्ष चुनाव
- विभिन्न राजनीतिक दलों की उपस्थिति
- जनता को संवैधानिक सरकार
Apratyaksh Loktantra kya hai || अप्रत्यक्ष लोकतंत्र क्या है ||
भारतीय संदर्भ में लोकतंत्र दो प्रकार का है-
- प्रत्यक्ष लोकतंत्र- इस प्रकार के लोतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में उस राज्य, देश या स्थानीय निवासीयों द्वारा अपने प्रत्याशी या सरकार को खुद के द्वारा चुना जाता है।
- अप्रत्यक्ष लोकतंत्र (Apratyaksh Loktantra)– इस प्रकार के लोतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में उस राज्य, देश या स्थानीय निवासीयों द्वारा अपने प्रत्याशी या सरकार को खुद से चुनाव ना करते हुए अप्रत्यक्ष मतों द्वारा किया जाता है।
उदाहराण –
- भारत में उच्च सदन या राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव
- जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव
- क्षेत्र पंचायतों के ब्लाक प्रमुखों का चुनाव
- विधान परिषदों में सदस्यों का चुनाव
Loktantra aur Rajtantra mein kya antar hai || लोकतंत्र और राजतंत्र में क्या अंतर है ||
लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जिसमें लोग अपना शासकीय कानून चुन सकते हैं। राजशाही सरकार का एक रूप है जिसमें एक व्यक्ति, राजा, जीवन भर या पद छोड़ने तक राज्य का प्रमुख होता है।
Loktantra ki visheshta kya hai
भारत के प्रत्येक नागरीक जो कि भारत के लोकतंत्र की शक्ति के रूप में जाना जा सकता है, लोकतंत्र शासन करने का एक ऐसा तरीका है जो कि स्वयं लोगों की ही इच्छा पर निर्भर करता है
Loktantra kya hai in hindi
लोकतंत्र का अर्थ है लोग और शासन, शाब्दिक अर्थ में जनता का शासन।
Loktantra se kya abhipray hai
‘लोकतंत्र’ शब्द अँगरेजी शब्द ‘डेमोक्रेसी’ का हिंदी रूपांतर है। ‘डेमोक्रेसी’ दो यूनानी शब्दों से बना है— डेमोस (demos) और क्रेशिया (cratia), जिनका अर्थ क्रमश: है – ‘जनता’ और ‘शासन’। इस प्रकार, व्युत्पत्ति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ ‘जनता का शासन’ हुआ।