नई दिल्ली। पश्चिम अफ्रीका और अटलांटिक महासागर में भारतीय नौसेना की मिशन-आधारित तैनाती के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आईएनएस सुमेधा ने 10-13 नवंबर, 2023 तक नामीबिया की वाल्विस खाड़ी में ठहराव के लिए एक पोर्ट कॉल किया। आईएनएस सुमेधा का यह पड़ाव नामीबिया के साथ भारत के मधुर संबंधों के विस्तार, समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और मित्र देशों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने की वचनबद्धता को प्रकट करता है।
इस पोर्ट कॉल के दौरान, पोत के कमांडिंग ऑफिसर ने नामीबिया के नौसेना कमांडर और नामीबिया नौसेना के अन्य अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी शिष्टाचार भेंट की। आईएनएस सुमेधा के बंदरगाह में प्रवास के दौरान नामीबिया नौसेना के साथ सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान, क्रॉस डेक दौरे और सामाजिक जुड़ाव के उद्देश्य से रणनीतिक स्तर पर वार्ता का भी आयोजन किया गया। भारत और नामीबिया के बीच लोकतंत्र, विकास एवं धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों को साझा करते हुए मधुर व मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और सैन्य आदान-प्रदान के लिए कई द्विपक्षीय व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं। भारत ने अपने रक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में पिछले कुछ वर्षों में देश के विभिन्न सैन्य संस्थानों में बड़ी संख्या में नामीबियाई सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।
भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘मैत्री सेतु’ तैयार करने और मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सशक्त करने के साथ-साथ दुनिया भर में समुद्री चिंताओं को दूर करने के भारतीय नौसेना के मिशन के हिस्से के रूप में नियमित रूप से तैनात किए जाते हैं। वर्तमान यात्रा का उद्देश्य मित्र देशों के साथ भारत की एकजुटता को बढ़ाना और विशेष रूप से नामीबिया के साथ मित्रता के मौजूदा संबंधों को विस्तारित करना है। आईएनएस सुमेधा सरयू श्रेणी के स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना के अपतटीय गश्ती जहाज के (एनओपीवी) बेड़े में से तीसरा पोत है, जो स्वतंत्र रूप से और बेड़े के संचालन में सहयोग के उद्देश्य कई भूमिकाओं को निभाने के लिए तैनात किया गया है। यह युद्धपोत अनेक हथियार प्रणालियों, सेंसरों, अत्याधुनिक नौसंचालन और संचार प्रणालियों तथा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम की युद्ध प्रणाली से सुसज्जित है। आईएनएस सुमेधा ने इससे पहले विभिन्न बेड़ों में सहयोग, तटीय एवं अपतटीय गश्त के अभियान, महासागर निगरानी और एचएडीआर मिशन संचालित किये गए हैं, जिसमें अप्रैल 2023 में संघर्ष प्रभावित सूडान से भारतीय प्रवासियों को निकालने के लिए हाल ही में आयोजित ऑपरेशन कावेरी भी शामिल है।