प्रौद्योगिकी में हो रहे लगातार बदलाव और नयी प्रौद्योगिकियों के सृजन में छात्रों की भूमिका पर मंथन करती देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक समापन हो गया । इस मौके पर शिक्षा और उद्योगों से जुड़े विशेषज्ञों ने डिजिटल युग में स्मार्ट टेक्नोलॉजी से छात्रों को रूबरू करवाया।
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शनिवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया। संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग की ओर से किया गया था, जिसमें उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गयी। संगोष्ठी के दूसरे दिन भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी ने छात्रों से उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की तरक्की में नवीन प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की विशेष भूमिका होती है और भारत जिस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है
उसमें नवीन प्रौद्योगिकियों का प्रयोग महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बंगलुरू स्थित थॉटवर्क्स में प्रोग्रम मैनेजर मनप्रीत कौर ने इंजीनियरिंग डिज़ाइन और नयी खोजों में एआई की भूमिका सहित मानव जैसे दिखने वाले रोबोट निर्माण में जेनरेटिव एआई और नेविगेशन पर प्रकाश डाला। जापान स्थित यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ़ एजुकेशन प्रोफ़ेसर हरुमी ओइशी ने मस्तिष्क की गतिविधियों पर नजर रखने और उनका विश्लेषण करने वाले यंत्रों की जानकारी दी। जियो के मुख्य तकनीकी अधिकारी संजय गोयल ने नयी पीढ़ी के लिए मोबाइल नेटवर्क्स पर अपने विचार रखे।
देहरादून आईटी पार्क स्थित ऍफ़टेकीज़ के निदेशक मोहित माली ने ब्लॉक चेन और ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी की जानकारी दी। ग्रेटर नॉएडा स्थित बेनेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ रजत चौधरी ने ऐसे सॉफ्टवेयर आधारित तकनीकों के जानकारी दी, जो टाइम-सेंसिटिव नेटवर्क्स को औद्योगिक स्वचालन, रोबोटिक्स, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में उपयोग के लिए सेट करने, प्रबंधित और अनुकूलित करने में मदद करती हैं। वहीं,आईटीडीए देहरादून के एडिशनल डायरेक्टर तीरथ पाल सिंह ने जेनरेटिव नेटवर्किंग के बारे में बताया। इस दौरान विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष श्री अमन बंसल ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने आये देश विदेश के विशेषज्ञों को धन्यवाद् दिया और इसे छात्रों के लिए बहुत उपयोगी बताया।
इस मौके पर कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग डॉ रितिका मेहरा, कार्यक्रम समन्वयक राकेश आर्य, गोविन्द सिंह पंवार आदि उपस्थित थे।