देहरादून । आईआरडीटी ऑडिटोरियम सर्वे चौक देहरादून में प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा ‘‘द्वितीय प्रतिभा अलंकरण समारोह’’ आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रतिभाग कर सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
प्रदेश में स्थापित 71 राजकीय एवं 01 सहायता प्राप्त तथा 89 निजी पॉलिटेक्निक संस्थाओं के वर्ष 2022 व 2023 के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् 36 सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं पांच हजार एक सौ रूपये का चैक तथा मेडल प्रदान किए गए। पॉलिटेक्निको में आधारभूत ढांचा, शैक्षिक स्टाफ की मानकों के अनुसार उपलब्धता, इन पॉलिटेक्निक संस्थाओं में पठन-पाठन कार्य, को-करिकुलम गतिविधियों आदि को अच्छे ढंग से क्रियान्वित करने के आधार पर तीन सर्वश्रेष्ठ पॉलिटेक्निक एवं इन राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में कार्यरत विभिन्न श्रेणियों के 07 सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर स्टाफ को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में पॉलिटेक्निक संस्थाओं के 04 भूतपूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान भारत की आत्मा में है। आज का समय तकनीकी नवाचार, सृजन, इनोवेशन, केे साथ तेज गति से आगे बढ़ने का है। उन्होंने कहा कि नये भारत के निर्माण के संकल्प के साथ पूरा देश आगे बढ़ रहा है। भारत अपने उत्कर्ष के अमृत काल में पदार्पण कर चुका है और विश्व की सबसे बड़ी युवा शक्ति के बल पर देश विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत, श्रेष्ठ भारत और विश्वगुरू भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होेंने कहा कि आज नये भारत में हम स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, ‘मेक इन इंडिया’ ‘कौशल भारत मिशन’ जैसी योजनाओं के माध्यम से युवा शक्ति को कौशल सम्पन्न बनाने के लिए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। आप हमारी वह युवा शक्ति हैं जिन्हांेने औद्योगिक उत्पादन में एक नई क्रांति पैदा करनी है। आपको उत्तराखण्ड और भारत की प्रगति में योगदान देना है। कार्य संस्कृति में गुणवत्ता और समावेशी कौशल विकसित करने हैं। भारत के पॉलीटेक्निक संस्थान् एवं इंजीनियरिंग कॉलेज और तकनीकी वि.वि सहित अनेक स्तरों पर तकनीकी शिक्षा और प्रौद्योगिकी विकास को एक गति दे रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस पूरी प्रणाली में पॉलिटेक्निक संस्थानों का एक अहम रोल है, ये पॉलिटेक्निक संस्थान इंजीनियरिंग की नींव हैं, यहाँ से निकले हुए छात्र उद्योगों में मशीनों के परिचालन और अनुरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें इस बात की खुशी होनी चाहिए कि अन्य राज्यों की तुलना में हमारा प्रदेश युवाओं को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से उन्हें रोजगारपरक शिक्षा देकर राष्ट्र एवं राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। राज्यपाल ने इंजीरियरिंग, प्रोडक्शन, मैन्यूफेक्चरिंग, पर जोर देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में इसके लिए अपार सम्भावनाएं है और इसे टेक्नोलॉजी का हब बनाया जा सकता है। उत्तराखण्ड की युवाशक्ति को दृढसंकल्पित होकर अपनी सोच को बड़ा बनाना होगा, बडे़ सपने देखने होंगे और उनको धैर्य के साथा पूरी ईमानदारी, लगन और मेहनत से पूर्ण करने का प्रसास करना होगा। उन्होंने युवाओं को रोजगार सृजन करने वाला बनने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री तकनीकी शिक्षा सुबोध उनियाल द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि विभिन्न उद्योगों के संचालन में डिप्लोमा होल्डर का बहुत बड़ा योगदान है। उनके द्वारा पॉलिटेक्निक के एल्यूमनाई छात्रों जिनके द्वारा स्वयं के उद्योग स्थापित किये गये हैं वो युवाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत हैं उनके द्वारा छात्रों से आह्वान किया गया कि वे रोजगार देने वाले बने ना कि रोजगार लेने वाले। कालेज का शैक्षिक वातावरण गुणवत्तापरक होना चाहिए। उन्होने कहा छात्रों में महत्वाकांक्षा होनी चाहिए तभी वह बड़े काम कर सकेंगे। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना होगा। भारत को विश्वशक्ति बनाने केे लिए भ्रष्टाचार से लड़ना जरूरी है।
उन्होंने विभाग को गत सत्र में 65 प्रतिशत डिप्लोमा छात्रों को विभिन्न क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनियों में प्लेसमेंट दिलाने के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि शेष 35 प्रतिशत छात्र अपना रोजगार स्थापित करते हैं तो वह रोजगार देने वाले बनेंगे। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि विगत वर्षों में पॉलिटेक्निकों के सुदृढ़ीकरण हेतु तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा उद्योगों के अनुसार पॉलिटेक्निक हेतु नयी साज-सज्जा, मशीनरी, स्मार्ट क्लासरूम, कम्प्यूटर आदि से लैबों का सुदृढ़ीकरण किया गया है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विभिन्न पॉलिटेक्निकों हेतु लगभग 300 करोड़ की धनराशि दी गयी है, जो कि एक रिकार्ड है। इस कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि विधायक राजपुर रोड श्री खजानदास द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने जो एक नई दिशा प्रदान की है एवं नई तकनीकी लौ जलाई है, उससे प्रदेश के युवाओं में एक नई क्रान्ति आई है।
सचिव तकनीकी शिक्षा रविनाथ रामन ने अपने संबोधन में कहा कि शासन द्वारा स्टार्ट अप, एमएसएमई, सर्विस सेक्टर आदि नीतियां बनाई गयी हैं, सभी युवा इसका लाभ जरूर उठा सकते हैं। अतिशीघ्र सरकार द्वारा इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। मुझे आशा है कि कई उद्यमी प्रदेश में नये उद्यम स्थापित करेंगे इससे यहां के युवाओं के रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। प्रो डॉ बीआर गुर्जर निदेशक, एनआईटीटीटीआर चण्डीगढ द्वारा इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा गया कि राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, चण्डीगढ़ द्वारा डिप्लोमा एजुकेशन हेतु महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। हम पॉलिटेक्निकों को तकनीकी रूप से सुदृढ़ीकरण करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस अवसर पर निदेशक प्राविधिक शिक्षा आरपी गुप्ता द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि डिप्लोमा एजुकेशन समग्र तकनीकी शिक्षा प्रणाली का एक प्रमुख हिस्सा है। वर्तमान में यह हमारे राष्ट्र एवं राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बेरोजगारी के इस युग में पॉलिटेक्निक से उत्तीर्ण प्रतिभाएं अपने रोजगार एवं स्वरोजगार दोनों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
इस अवसर पर अपर निदेशक प्राविधिक शिक्षा देश राज, विभाग के पूर्व निदेशक हरि सिंह, उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद् के सचिव डॉ राजेश उपाध्याय, परीक्षा नियंत्रक डॉ0 मुकेश पाण्डेेेय, संयुक्त निदेशक प्राविधिक शिक्षा नरेन्द्र कुमार, उपनिदेशक एसके वर्मा, श्री एमके कन्याल, सहायक निदेशक सचिन भारती, उपसचिव आईआरडीटी अभिषेक कुमार सिंह, सहायक सचिव सचिन कुमार एवं प्रदेश में स्थित विभिन्न पॉलीटेक्निक संस्थाओं के प्रधानाचार्य एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, अधिकारीगण, अन्य स्टॉफ, छात्र-छात्राएं तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेे।