देहरादून। आज भारतीय वाल्मीकि धर्मसमाज “भावाधस” (भीम) के राष्ट्रीय मुख्य संचालक वीरेश भीम सिंह अनार्य ने उत्तरांचल प्रेस क्लब मे आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि वाल्मीकि तीर्थ को माला मिशन योजना में शामिल न करने पर वाल्मीकि समाज में अत्यंत रोष है। इस संबंध में उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया हैं। जिसमें कहा गया की भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भी काफी समय से वाल्मीकि तीर्थ सीतावनी रामनगर (नैनीताल) के विकास की मांग करता आ रहा है, लेकिन सरकार के स्तर पर अभी तक कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई। जिस कारण वाल्मीकि समाज में रोष है, क्योंकि यह स्थान वाल्मीकि समाज की आस्था का केंद्र है।
उन्होंने बताया की संगठन के द्वारा विगत 13 अक्टूबर 2022 को भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया था और उनके कार्यालय द्वारा क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी अल्मोड़ा को निरीक्षण कर आख्या देने को कहा गया था, लेकिन रिपोर्ट का आज तक पता नहीं चल सका। दूसरा पत्र भी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा 20 जुलाई 2023 को दिया गया और इस तीर्थ स्थल को मंदिर माला मिशन के अंतर्गत शामिल करने का अनुरोध किया गया। जिसके द्वारा जिला पर्यटन विकास अधिकारी नैनीताल को मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र भी प्राप्त हुआ। इससे पूर्व में भी सैकड़ो पत्र मुख्यमंत्री सहित अनेक नेताओं, अधिकारियों को पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन लगता है सरकार इस तीर्थ स्थल का विकास करना ही नहीं चाहती। इसलिए वाल्मीकि समाज ने आंदोलन की रणनीति तैयार की है, जिसके अंतर्गत 24 सितंबर से संगठन उत्तराखंड में वाल्मीकि समाज में हस्ताक्षर अभियान चलायेगा और सरकार द्वारा वाल्मीकि समाज से किये जा रहे सौतले व्यवहार को उजगार करेगा। इसकी शुरुआत 24 सितंबर को देहरादून से होगी और पूरे उत्तराखंड में चलेगी। दूसरे चरण में नवंबर 2023 को विशाल प्रदर्शन देहरादून में किया जायेगा। प्रेस वार्ता मे मुख्य रूप से अमन उज्जैनवाला लड्डू प्रदेश अध्यक्ष यूथ विंग उत्तराखंड, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री कैलाश एकलव्य, राष्ट्रीय मंत्री शिव नन्दन टॉक, प्रदेश उपाध्यक्ष चौ. ब्रज किशोर सहित उप्र उत्तराखंड के कई पदाधिकारी उपस्थिति थे।