देहरादून। राजधानी देहरादून में 4 न्यूज़ पोर्टल को बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष डिमरी के द्वारा अपने वकील के माध्यम से दो करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा गया है नोटिस में लिखा गया है कि इन न्यूज पोर्टल के द्वारा उनके खिलाफ उनकी छवि धूमिल करते हुए गलत खबर का प्रकाशन किया है। इसके साथ ही खबर प्रकाशित करने से पूर्व उनके द्वारा उनका पक्ष भी नहीं लिया गया।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी ने बताया कि 5 नवंबर को चार न्यूज़ पोर्टल में एक खबर जिसमे बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति विज्ञापन संबंधी अनियमितता की जांच को लेकर प्रकाशित की गई है इस प्रकरण में पुलिस के एक राजपत्रित अधिकारी को जांच सौंप गई है जांच में दो समाचार पत्रों जिसके मुद्रक और प्रकाशक वह स्वयं हैं । उन्होंने बताया कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप गलत है। साथ ही उन्होंने बताया कि उन पर कई लाखो के विज्ञान लेने का जो आरोप उन पर लगाया गया है वह मिथ्य हैं। इस प्रकरण में अन्य सभी समाचार पत्रों में बिना नाम लिए खबर प्रकाशित की गई है लेकिन चार न्यूज़ पोर्टल में नाम सहित खबर का प्रकाशन किया गया है खबर प्रकाशित होने के बाद बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष डिमरी के द्वारा अपने वकील के माध्यम से इन सभी चार न्यूज़ पोर्टल को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा गया है साथ ही नोटिस में यह भी लिखा गया है यदि 15 दिन के अंदर माफी नामा प्रकाशित नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी हैरान करने वाली बात यह है कि इन चारों न्यूज़ पोर्टल में एक जैसी खबर प्रकाशित की गई है और चार में से तीन पोर्टल संचालकों के उपनाम एक ही है। दो न्यूज़ पोर्टल एक ही घर से एक ही पते पर संचालित किये जा रहे हैं ।
आशुतोष डिमरी के वकील के द्वारा नोटिस में लिखा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह समाचार एक साजिश के तहत प्रकाशित किया गया है। लीगल नोटिस में कहा गया है कि हकीकत तो यह है कि BKTC का सदस्य नामित होने के पश्चात आशुतोष डिमरी के समाचार पत्रों को न तो समिति की ओर से किसी भी प्रकार का कोई सजावटी विज्ञापन प्राप्त हुआ है न हीं प्रकाशित हुआ है। अब देखना होगा नोटिस मिलने के पश्चात क्या यह चारों न्यूज़ पोर्टल माफीनामा प्रकाशित करते हैं या फिर जिनके द्वारा खबर लिखी गई है उसके साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं । प्रेस काउंसिल के भी साफ-साफ दिशा निर्देश हैं कि जब किसी विषय को लेकर के समाचार प्रकाशित किया जा रहा हो तो उससे संबंधित से संपर्क कर उनका पक्ष जानना भी जरूरी होता है,हालांकि इस समाचार प्रकाशन में यह नहीं हुआ है। सामान्य तौर पर न्यूज़ पोर्टल व समाचार पत्र खबरों के प्रकाशन में साक्ष्य को भी प्रकाशित अथवा पोर्टल पर अटैच करते हैं।