जब प्रकृति के रंग, संस्कृति की तरंग और ज़िन्दगी की उमंग कैनवस पर उतरे तो कला के चाहने वालों की नज़र नहीं हटी। मौक़ा था देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित राष्ट्रीय कला शिविर के समापन समारोह का, जहां देशभर के कलाकारों और छात्रों द्वारा तैयार पेंटिंग्स ने सभी का दिल जीत लिया।
शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट्स विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कला शिविर का समापन हो गया। शिविर में देशभर के कलाकारों ने छात्रों को कला की बारीकियों से रूबरू करवाया और सांस्कृतिक धरोहरों को कला के माध्यम से संजोये जाने पर बल दिया। इस दौरान कला विशेषज्ञों की देखरेख में छात्रों ने अपने हुनर के ज़रिये कला के खूबसूरत सफर को कैनवस पर अंजाम दिया, जिसमें धार्मिक यात्रा से लेकर प्रकृति के विभिन्न पहलुओं से रूबरू करवाया। साथ ही, भारत के कोने कोने की सांस्कृतिक विरासत को भी कैनवस पर उकेरा।
समापन समारोह के दौरान कला की इस खूबसूरत यात्रा को प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों के दिलों तक पहुँचने का मौक़ा मिला। समापन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलपति डॉ अरुण कुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे। प्रदर्शनी में छात्रों के हुनर और कला विशेषज्ञों के कलात्मक जादू की सराहना करते हुए डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कल्पना को मूर्त रूप देना आसान नहीं होता। ये कार्य केवल एक कलाकार ही अपनी सृजनात्मकता से कर सकता है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कहा कि छात्रों को मुकाम हासिल करने के लिए इस तरह के मंच बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। आखिर में सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित किया गया। इस दौरान डीन स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म, लिबरल आर्ट्स एंड फैशन डिज़ाइन प्रोफ़ेसर दीपा आर्या सहित कार्यक्रम संयोजक डॉ राजकुमार पांडेय, शिक्षकगण और छात्र उपस्थित रहे।