आस्था के स्थल जोशीमठ में दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम आज शुरू हो रहा है, जिसे कि नियमबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा।
वहीं इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि जोशीमठ के मामले पर 16 जनवरी को सुनवाई होने के लिए चिह्नित किया गया है लेकिन मंगलवार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर केस की जल्द सुनवाई नहीं हो सकती है , इन मामलों के लिए लोकतांत्रिक संस्थाएं हैं, जो काम कर रही हैं।
मालूम हो कि अभी तक जोशीमठ में 678 मकानों की पहचान हुई हैं, जिनमें दरारें आई हैं और 81 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से लोगों को सुरक्षा व्यवस्था और रहने-खाने का इंतजाम कर रही है।
एक दिन पहले ही मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक के बाद सरकार की ओर से कहा गया है कि जोशीमठ के प्रभावितों का आपदा अधिनियम की धारा-33 एवं 34 के तहत पुनर्वास किया जाएगा और मलारी इन एवं माउंट व्यू होटलों को मैकेनिकल तरीके से ध्वस्तीकरण किया जाएगाा, शहरी विकास प्राधिकरण ने इस बारे में मास्टर प्लान बना रहा है और उसी के तहत काम किया जाएगा तो वहीं धामी सरकार ने जनता को भरोसा दिलाया है कि विपदा की इस घड़ी में वो उनके साथ है और उनकी बेहतरी के लिए वो लगातर काम कर रही है।