Uttarakhand news : भारी बारिश के कारण केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आज शुक्रवार को साढ़े तीन बजे तक 602 लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया है। वहीं सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच अब तक करीब 1500 से अधिक लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है। जिला प्रशासन के प्रयासों से केदार घाटी में संचार व्यवस्था भी दुरुस्त की जा चुकी है। फंसे हुए तीर्थ यात्रियों को उनके परिजनों से सेटेलाइट एवं सामान्य फोन के माध्यम से बात भी करवाई जा रही है।
रेस्क्यू किए जा रहे तीर्थयात्रियों को जिला प्रशासन की ओर से वितरित किए जा रहे हैं फूड पैकेट
जिलाधिकारी के निर्देशन में केदार घाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि बीते रोज गुरूवार सुबह से ही यात्रा मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं को फूड पैकेट, पेयजल एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार दोपहर 3ः30 बजे तक लगभग 18 हजार फूड पैकेट्स, करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमार एवं घायल तीर्थ यात्रियों का किया जा रहा है उपचार
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल सिंह गुसाई ने अवगत कराया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत एवं उपचार कार्य भी जारी हैं। अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुंड व शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं विभिन्न स्थानों में फंसे श्रद्धालुओं को 18300 फूड पैकेट्स, करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
रेस्क्यू किए जा रहे तीर्थ यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई परिवहन व्यवस्था
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रमोद कर्नाटक ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थ यात्रियों का हैली सेवा या मैनुअल रेस्क्यू किया जा रहा है उनको उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए छोटे एवं बड़े वाहनों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि गुप्तकाशी से दोपहर तक 20 छोटी गाडियों के माध्यम से 200 लोगों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है। इसके साथ एक वाहन के माध्यम से लगभग 40 लोगों को भेजा गया है। इसके साथ ही गुलाबराय मैदान से भी एक बस के माध्यम से 32 लोगों को हरिद्वार के लिए तथा 3 छोटे वाहनों के माध्यम से 30 यात्रियों को ऋषिकेश के लिए भेजा गया है।