बागेश्वर। जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित 30 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत जनपद में पर्यटन के साथ ही ईको टूरिज्म को बढावा दिया जाएगा, जिसके लिए पर्यटन अधिकारी एवं प्रभागीय वनाधिकारी को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन नीति के सफल क्रियान्वयन एवं जनपद में अधिक से अधिक पर्यटन योजनाओं को विकसित करने के लिए रोडमैप तैयार करने के साथ ही डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट हॉयर करने के निर्देश पर्यटन अधिकारी को दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में लीती, सूपी व सुनारगांव कांडा को पर्यटन विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने इन ग्रामों में होम-स्टे, ट्रैक रूट, पहुंच पैदल मार्ग व व्यू प्वाइंट की डीपीआर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक रूट मरम्मत के साथ शौचालय, सीटिंग प्वाइंट एवं व्यू प्वाइंट बनाए जाएंगे, जिस हेतु 98.15 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिसमें से 40 लाख की धनराशि शासन से प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जालेख पैराग्लाइडिंग स्थल पर टेक ऑफ व लैंडिंग ग्राउंड विकसित करने के साथ ही जालेख जाने वाले रास्ते का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने पैराग्लाइडिंग एडवांस प्रशिक्षण का भी प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गरूड़ तहसील के ग्राम माल्दे में पॉवर्ड पैराग्लाइडिंग के साथ ही जौलकांडे में पर्यटन विभाग की भूमि पर कैंपिंग साइट,साईकिल ट्रैक विकसित करने व बर्ड वॉचिंग, स्टार गेजिंग की भी डीपीआर भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसी तरह कुकुडामाई मंदिर में पैदल मार्ग की मरम्मत, शिखर मंदिर भनार का मार्ग मरम्मत एवं क्षेत्र में होम-स्टे विकसित करने, शिव सुंदर गुफा जोगाबाडी का भी सौन्दर्यकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा सूपी गांव में होम-स्टे विकसित करते हुए सरमूल भद्रतुंगा मंदिर से लिंक रूट विकसित किया जाएगा, ताकि क्षेत्रों में अधिक से अधिक पर्यटकों की आमद हो सके। उन्होंने कपकोट विकासखंड के गोगिना में वाटर फॉल व्यू प्वाइंट विकसित करने के साथ ही नामिक ग्लेशियर को जाने वाले ट्रैक रूट मरम्मत का प्रस्ताव भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निकायों के अधिशासी अधिकारियों को रात्रिकालीन सफाई, घर-घर कूडा उठान, गीला एवं सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाने व डंप की व्यवस्था करने के साथ ही प्रतिदिन एकत्रित कूड़े का डाटा तैयार करने को कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्यवस्था के लिए अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत व जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया। सभी विभागों को सरकारी परिसंपत्तियों पंजिकाओं की डिजिटल इन्वेटरी तैयार करने को कहा। जिलाधिकारी ने निराश्रित पशुओं के संचरण से निजात पाने के लिए मुख्य पशुचिकित्साधिकारी व अधिशासी अधिकारियों को स्वयंसेवी संगठनों से समन्वय कर शरणालय उपलब्ध कराने में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने पिरूल व सौर ऊर्जा के बेहतर एवं वैकल्पिक प्रयोग को बढ़ाने के लिए संभावनो को तलाशते हुए सर्वे करने के निर्देश पर परियोजना अधिकारी उरेडा को दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ कमल पंत, जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार, परियोजना अधिकारी उरेडा मंयक नौटियाल, अधि.अधिकारी हयात सिंह परिहार, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर रोहित बहुगुणा व अपर अर्थ एवं संख्याधिकारी आदि मौजूद थे।