पंतनगर। 16 जून 2025। SASYAM फाउंडेशन द्वारा विश्वविद्यालय की यूनिवर्सिटी लिटरेरी टीम के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय युवा जलवायु सम्मेलन विचार 25’’, पूरे भारत में छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों की उत्साही भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच जलवायु पर संवाद, नवाचार और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
सम्मेलन का प्रारम्भ अतिथियों और निर्णायकों के स्वागत के साथ शुरू हुआ। यूनिवर्सिटी लिटरेरी टीम के स्टाफ काउंसलर डा. अमित केसरवानी ने उद्घाटन भाषण दिया, छात्रों के नेतृत्व वाली पहल की सराहना की और इन्फोग्राफिक और सार प्रतियोगिता के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। उन्होंने अभिनव जलवायु समाधानों को बढ़ावा देने में मंच की भूमिका पर प्रकाश डाला। डा. ए.एस. जीना, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने ग्लेशियर पिघलने, अनियमित वर्षा और सूखे जैसे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों पर जोर दिया और स्थायी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया।

एशियन एग्री-हिस्ट्री फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. एस.पी.एस. बेनीवाल ने जलवायु परिवर्तन से कृषि के लिए उत्पन्न खतरों पर एक सम्मोहक भाषण दिया। उन्होंने जैविक जैव उर्वरकों और वृक्षायुर्वेद में वर्णित कुणपजल जैसे प्राचीन योगों जैसी पारंपरिक प्रथाओं की वापसी की वकालत की। विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डा. सलिल तिवारी ने शस्यम् फाउंडेशन की पहल की प्रशंसा की और युद्धों और औद्योगिक अति दोहन के पर्यावरणीय परिणामों के बारे में चेतावनी दी। आईसीआरआईएसएटी इंडिया के वैज्ञानिक और कीट विज्ञान प्रमुख डा. जाबा जगदीश ने वर्चुअल रूप से जुड़कर कीट आबादी पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और जलवायु-लचीली फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने आईसीआरआईएसएटी में चल रही अपनी परियोजना से अंतर्दृष्टि भी साझा की। इफको एमसी के सीईओ मनोज वार्ष्णेय ने भी वर्चुअल माध्यम से सभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन, विशेष रूप से तापमान वृद्धि और महाद्वीपों में बाढ़ के परस्पर जुड़े खतरों पर ध्यान केंद्रित किया। उद्घाटन सत्र के बाद, प्रतिभागियों ने कृषि, जैव विविधता और स्थिरता जैसे विषयों को एक साथ ऑफ़लाइन और ऑनलाइन सत्रों के माध्यम से अपने शोध और समाधान प्रस्तुत किए। निर्णायक पैनल को डा. अंजू पाल, डा. श्वेता उनियाल और डा. अमित केसरवानी ने सम्मानित किया। प्रस्तुतियों के बाद समापन सत्र शुरू हुआ। विश्वविद्यालय के बागवानी विभाग की सहायक प्राध्यापक डा. अंजू पाल ने प्रतिभागियों के व्यावहारिक कार्य और अभिनव ष्टिकोण की सराहना की। डा. अमित केसरवानी ने पूरे सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधित्व और युवाओं द्वारा संचालित ऊर्जा की सराहना की। प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा प्रस्तुति की गुणवत्ता, प्रासंगिकता और नवाचार के आधार पर की गई। शीर्ष 5 प्रस्तुतकर्ता थे, आयुषी जोशी, यश पांडे, डा. अमित अनिल शाहने, रितिका बरगली, ऐशना श्रीवास्तव और पद्मिनी जोशी। अनामिका शर्मा को इस क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ जलवायु शोधकर्ता का पुरस्कार दिया गया। ऑफ़लाइन प्रतिभागियों को निर्णायकों और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन श्री धु्रव सचदेवा, संस्थापक और सीईओ, एसएएसवाईएएम फाउंडेशन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने, ज्ञान के अंतर को पाटने और सहयोगात्मक नवाचार के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए युवा दिमागों को एकजुट करने के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। विचार 25 एक जीवंत मंच साबित हुआ, जो एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए दृढ़ संकल्पित पीढ़ी की आवाज़ को प्रतिध्वनित करता है।