कांडा तहसील के छोटे गाँव का 132वाँ स्थापना दिवस धूम धाम से मनाया प्रातः कल पितरों के तर्पण फिर सुन्दर कांड के पाठ के साथ संपन्न हुआ, मुख्य अतिथि सुरेश गढ़िया, विधायक कपकोट तथा विशिष्ट अतिथि कर्नल विजय मनराल, जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी थे. समारोह कर्नल बी एस रौतेला ने बताया कि यह गाँव 24 जून 1894 को उनके परदादा भवान सिंह जी नेएक रूपया रकमी ज़मीन खरीद कर बसाया था, कर्नल रौतेला ने बताया कि इस छेत्र से पहले सेना me भर्ती होने वालो मे उनके ताऊ जी गुमान सिंह 1916 मे 2/3 गोरखा राइफलस मे भर्ती हुऐ थे, 1926 मे उनके दूसरे ताऊ जी हरक सिंह सेना मे भर्ती हुऐ थे, द्वितीय विश्व युद्ध मे उन्हें मिलिट्री क्रॉस से नवाज़ा गया था और बाद मे भारत के महामाहिम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के ए डी सी रहें, उनके तीसरी ताऊ 1934 मे भर्ती हुऐ द्वीतीय विश्व युद्ध मे उन्हें जंगी इनाम से तथा 1947-48 भारत पाकिस्तान युद्ध मे कुशल नेतृत्व, बहादुरी के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से अलंकृत किया गया, 1916 से इनका परिवार कुमाऊँ रेजिमेंट से जुड़ा है और वर्तमान me भी कई युवा भारतीय सेना मे रह कर मातृभूमि की रक्षा मे तैनात है. साथ ही कर्नल रौतेला ने माननीय विधायक के सम्मुख यह भी चिंता जताई कि वर्तमान मे सेना मे कम युवा जा रहें है यदि यही हाल रहा तो उत्तराखंड जो शुरू से सैन्य बाहुल्य प्रदेश रहा है उसमे सैनिक कम हो जायेंगे.’

कर्नल रौतेला ने विधायक जी को यह भी बताया कि यदि घर गाँव मे चिकित्सा की सुविधा अच्छी हो जाती तो हम जैसी सेवा निवृत लोग हल्द्वानी रहने के बजाय गाँव मे रहना पसंद करते और यदि शिक्षा व्यवस्था ठीक हो जाती तो जो लोग छोटे बच्चों के साथ हल्द्वानी अल्मोड़ा यां अन्य शहरों मे किराये मे राह रहें है वे गावों मे रहते जिससे गाँव आवाद रहते और संपन्न रहते, इस पर विधायक जी ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारी सरकार काम कर रही है.

इसकी साथ ही विधायक जी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे मे विस्तार से जानकारी दीं तथा सैनिक कल्याण अधिकारी ने भी सैनिक कल्याण बिभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे मे जानकारी दीं तथा कहा कि जो भी सेवारत और सेवानिवृत सैनिकों के बच्चे है उन्हें पूर्ण रूप से निशुल्क भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जा रहा है अतः आप लोग अधिक से अधिक संख्या में अपने भर्ती होने योग्य बच्चों को इस निशुल्क प्रशिक्षण में अवश्य भेजें ताकि वह समय पर भर्ती होकर राष्ट्र सेवा कर सकें