“The poet reached where Ravi did not reach”, said cabinet minister Ganesh Joshi at the inauguration of the literary conference.
देहरादून 07 मई, रेसकोर्स स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में आयोजित काव्य महाकुम्भ का औपचारिक उद्घाटन करने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पहुंचे। महामंडलेश्वर, ऋषिकेश, परमानन्द जी महाराज एवं सूर्य चन्द्र सिंह चौहान भी इस अवसर पर मौजूद रहे। इस अवसर पर कविता संग्रह, ‘‘नया प्रेम गीत’’ सहित कई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, बचपन से सुनता आया था कि ‘‘किताबें मानव की सबसे अच्छी मित्र होती हैं’’ पर इस अहसास को मैंने सबसे नजदीकी से जेल में महसूस किया। मेरे खिलाफ एक राजनीतिक षणयंत्र करके मुझे जब कांग्रेस सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया था उस समय जेल के बाहर मेरे समर्थकों और जेल की भीतर किताबों ने ही मुझे संबल दिया। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों के लिए कहावत है कि ‘‘जहां ना पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि’’। अर्थात जहां सूरज की किरणें भी नहीं पहुंचती वहां भी साहित्यकार की कल्पना और नजर पहुंच जाती है। किसी भी समाज के स्वस्थ्य विकास के लिए बुद्धीजीवियों / साहित्यकारों / कलाकारों तथा चिंतकों का होना अत्यंत आवश्यक शर्त है। मैं आज के इस आयोजन में आ कर इसलिए भी अत्यधिक धन्य महसूस कर रहा हूं कि मुझे आप जैसी महान विभूतियों और विद्यानों की संगति का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इस कार्यक्रम के सहसंयोजक सूर्य चन्द्र चौहान और श्रंगार कवि भूदत शर्मा मेरे अच्छे मित्र भी हैं। ‘‘उत्तराखंड की ज़िया’’ साहित्य संस्था के पदाधिकारियों को मैं एक बार फिर से ऐसे महाकाव्य कुम्भ के आयोजन के लिए धन्यवाद और शुभकामनाएं देता हूं।
इस अवसर पर देवबंद से आए कवि, गुलजार जिगर, भूदत शर्मा, जिया शर्मा एवं सूर्य चन्द्र सिंह चौहान एवं विभिन्न राज्यों से पधारे कविगण उपस्थित रहे।