पंतनगर। 24 जून 2025। विश्वविद्यालय में आज महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ले. ज. गुरमीत सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के तीसरे एवं अति सम्मानित कुलपति डा. ध्यान पाल सिंह के मूर्ति का अनावरण तथा ध्यान पाल सिंह पार्क का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने पूर्व कुलपति के दिये गये योगदानों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि, बीज उत्पादन, कृषक कल्याण को नई ऊचाईयों तक ले जाने में डा. ध्यान पाल सिंह का योगदान अतुलनीय है। वह वर्ष 1945 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत रहे तथा 28 जनवरी, 1966 को पंतनगर विश्वविद्यलाय के तीसरे कुलपति के रूप मे अपना कार्यभार संभाले एवं 19 जनवरी, 1975 तक विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। अपने सेवाकाल में डा. सिंह के दूरदर्शी निर्णयों, कृषि के क्षेत्र में किए गए नए प्रयासों से पंतनगर विश्वविद्यालय को विश्व में एक नई पहचान प्रदान कराई एवं उनके ही कार्यकाल में विश्वविद्यालय हरित क्रांति की जननी के रूप में स्थापित हुआ।

डा. सिंह को जब विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार दिया गया था तब विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति अत्यधिक चिंताजनक थी। डा. सिंह द्वारा कुशल नेतृत्व एवं दूरदर्शी सोच से कार्य करते हुए विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया गया और 44 लाख के सापेक्ष 142 लाख रूपये की आय अर्जित की गयी। विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए डा. सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के बीजों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए तराई विकास निगम की स्थापना दिनांक 20 फरवरी, 1969 को की गयी। स्थापना वर्ष में तराई विकास निगम का बीज उत्पादन 32 हजार कुंटल था जो कि एक वर्ष पश्चात 650 गुना बढ़ कर 2.25 लाख कुंतल हो गया। डा. ध्यान पाल सिंह के द्वारा कृषि शिक्षा, शोध, प्रसार एवं कृषक कल्याण हेतु किए गए सराहनीय एवं अतुलनीय योगदान का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1969 में पद्मश्री उपाधि से विभूषित किया। डा. सिंह ने राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, एन.एस.सी. व एस.एफ.सी.आई. के अध्यक्ष, एफ.ए.ओ. तथा विश्व बैंक के सलाहकार मण्डल के सदस्य एवं राष्ट्रीय कृषि समिति के सदस्य के रूप में भी देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
कार्यक्रम का संचालन निदेशक शोध डा. अजीत सिंह नैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर ऊधमसिंह नगर जिले के जिला अधिकारी श्री नितिन सिंह भदौरिया एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे तथा विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशकगण एवं संकाय सदस्य उपस्थित थे।