राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने मंगलवार को राजभवन में राज्य बाल कल्याण परिषद् की 15वीं आम सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बच्चे समाज एवं राष्ट्र का भविष्य हैं और देश के कर्णधार हैं। समाज का प्रत्येक बच्चा महत्त्वपूर्ण है, उनके सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। उन्होंने कहा कि परिषद् का यह प्रयास होना चाहिए कि अभावग्रस्त व जरूरतमंद बच्चों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध करा कर उनका मार्गदर्शन करते रहे।
राज्यपाल ने कहा कि बाल कल्याण परिषद् को बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संसाधनों के अभाव में कोई भी बालिका पढ़ने से वंचित न रहे। बालिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों के रहने व उनके शिक्षा के साथ-साथ उनके पोषण पर भी ध्यान दिया जाए। राज्यपाल ने कहा कि बाल भवनों में अवस्थापना सुविधाओं को भी ठीक करने का प्रयास किया जाए। देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि तभी संभव है, जब हमारे बच्चे शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से संपन्न और खुशहाल होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें बाल कल्याण परिषद् अपना योगदान देते हुए 15 अगस्त तक 75 हजार पौधों का रोपण करेगा। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण संस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक आजीवन सदस्य बनाये जाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सोशल एवं मॉस मीडिया का सहारा लिया जाए। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की एक कलेण्डर एक्टिविटी निश्चित की जाए। बाल कल्याण परिषद् की नियमित बैठकें आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में आमसभा की 15वीं बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की गई। परिषद् की वार्षिक आख्या प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही वर्ष 2022-23 में परिषद् द्वारा किये जाने वाले कार्यक्र्रमों का प्रस्तुति एवं अनुमोदन किया गया। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के आय-व्ययक विवरण की प्रस्तुति एवं पुष्टि की गई। बैठक में नवीन कार्यकारिणी एवं जनपद कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।
बैठक में सचिव राज्यपाल डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद् के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा0 आई एस पाल, उपाध्यक्ष मधु बेरी व भूपेश जोशी, महासचिव पुष्पा मानस, सयुंक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भट्ट सहित परिषद् के विभिन्न पदाधिकारी, सदस्य व जिला कार्यकारिणी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।