राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीरवार को नई दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘‘गांधी और आज का भारत’’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में ‘गांधी और आज का भारत’ विषय पर विचार मंथन करने का यह बहुत ही सुन्दर अवसर है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचार हम सब को आकर्षित करते हैं। गांधी जी के विचार दूरदर्शी थे। उनके महान विचारों के अनुरूप आगे बढ़ आज हम देश और दुनिया में एक नया मुकाम हासिल कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हम विकसित, आत्मनिर्भर, शक्तिशाली और विश्व गुरू भारत के लक्ष्यों को सच कर दिखाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आजादी के 75 वर्षों के बाद आज अमृत काल में महात्मा गांधी जी के विचारों को लेकर आत्मचिंतन करना बहुत ही प्रासंगिक है। देश की आजादी में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान है। गांधी जी ने अपने आचार-विचार और व्यवहार से पूरे देश को एक सूत्र में बांधा था। देश की आजादी के लिए लोक जागरण किया और महान विचारों के बल पर एक महान आन्दोलन खड़ा किया।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी का खादी का विचार आज एक ब्रांड बन गया है। ‘वोकल फोर लोकल’ एक अभियान इस दिशा में देश का मार्गदर्शन कर रहा है। गाँवों की सफाई का सपना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पूर्ण किया और गांधी जी के 150वें जन्म शताब्दी वर्ष 2018 में ही देश ने इसे पूरा कर दिया है। हमने भारत को स्वच्छ भारत की सौगात देकर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने कहा कि आज के भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान, मजदूर, आदिवासी, विद्यार्थी, युवा, महिलाएं, दिव्यांग और समाज के हर वर्ग को विकास की धूरी में शामिल किया है।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी के आदिवासी समाज की समृद्धि की सोच को आज सच होते हुए देखना अत्यन्त सुखद है। देश गांधी जी के सपनों के अनुरूप हर दिशा में तरक्की की नयी कहानी लिख रहा है। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पद्मभूषण डॉ. बिन्देश्वर पाठक जी का संबोधन सुनने को मिला, उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम से गांधी जी के स्वच्छता आग्रह को साकार करने में बड़ी भूमिका निभायी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 योगेश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, निदेशक गांधी भवन प्रो0 के0 पी0 सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।