The Agriculture Minister’s attitude, the classes imposed by the officers, instructed to provide daily reports of the allocation of apple boxes in the districts.
देहरादून। प्रदेश के कृषि एवम् सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी जी ने आज न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सेब के कस्तकारो को समय पर सेब की पेटी न मिलने की शिकायत पर अधिकारियों से नाराजगी जताई और निर्देशित किया कि सेब के कास्तकारों को फसल तैयार होने से पहले में ही सेब की पेटियां कास्तकारो की समय पर उपलब्ध हो।
प्रदेश के मिलेट्स (मोटे अनाज) के लिए विपणन को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार करने के दिए निर्देश।
बैठक के दौरान मंत्री जी ने कहा कि राज्य में कोदा/झंगोरा तथा कोणी जैसे मिलेट का उत्पादन पारम्परिक तौर पर किया भी जाता रहा है और इसके लिए राज्य में अत्यधिक अनुकूल परिस्थितियां भी हैं। कृषकों को मिलेट का बाजार मूल्य अन्य अनाजों की तुलना में कहीं ज्यादा भी मिलता है। राज्य में मोटे अनाजों के उत्पादन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने, उनके उत्पादों में निर्यात स्तर की गुणवत्ता लाने तथा उनको बाजार उपलब्ध करवाने के मा. मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिए।
प्रदेश में एग्रो क्लाइमेटिक जोन्स (कृषि जलवायु क्षेत्रों) के अनुरूप पौधशालाओं का निर्माण, फलों के पौधों के लिए नहीं रहना होगा अन्य प्रदेशों पर निर्भर।
इसके अलावा कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार एग्रो प्लानेट (नर्सरियों) को स्थापित करने के भी निर्देश दिए।बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पंतनगर गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों को लेकर कहा कि जैविक खेती की महत्ता व आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती पर अधिक से अधिक बल दिया जाये।
ऊधमसिंह नगर जनपद में उर्वरकों के अत्यधिक इस्तेमाल पर चिंता जताई।
मा. मंत्री जी ने जनपद ऊधमसिंह नगर में उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि धान की अगेती फसल के उत्पादन पर रोक लगाई जाए। इसके स्थान पर मक्का आदि की खेती को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही कहा कि मक्का की खेती में खाद और रसायनों का बहुत कम उपयोग होने के कारण जिले में इसकी खेती को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यूनीवर्सिटी द्वारा किये जाने वाले शोध कार्यों का अधिक से अधिक लाभ कृषकों को मिले जिससे जिससे किसानों की आय में वृद्धि की जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संसाधनों का अधिक से अधिक विकास करे तथा उपलब्ध संसाधनों का सकारात्मक सोच के साथ उपयोग करे ताकि विश्वविद्यालय की आर्थिकीय में भी वृद्धि हो।
इस अवसर पर सचिव कृषि शैलेष बगोली, पंतनगर यूनीवर्सिटी के कुलपति, डा. ए.के. शुक्ल,सहित कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।