वाहनों से हो रहे प्रदूषण एवं भविष्य में परिवहन के स्वरुप के संबंध में संभागीय परिवहन कार्यालय देहरादून में आयोजित विचार गोष्ठी एवं प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित माननीय परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री द्वारा उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए निम्नवत अपने विचार रखे गएः-
माननीय मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद देहरादून में बहुत अधिक मात्रा में वन क्षेत्र उपलब्ध हैं किन्तु उक्त के उपरांत भी वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर भविष्य में चिंतन की आवश्यकता है। प्रदूषण की रोकथाम हेतु समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से कुछ वाहन स्वामियों को परेशानी हो सकती है किंतु आने वाले भविष्य एवं आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ हवा एवं वातावरण उपलब्ध कराए जाने की दृष्टि से यह आवश्यक है कि कुछ कड़े कदम उठाए जाएं।
माननीय मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि सरकार का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति को बेरोजगार करना नहीं है अपितु सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना होता है किंतु राज्य के किसी निर्णय से प्रभावित व्यक्तियों को भी यथासंभव मदद करना, सरकार का उत्तरदायित्व है। अतः प्रदूषण के रोकथाम के क्रम में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से प्रभावित व्यक्तियों को राहत देने पर सरकार विचार कर रही है ।
आगामी चार धाम यात्रा को सफल एवं दुर्घटना रहित बनाये जाने हेतु सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी यह जिम्मेदारी है कि वह दुर्घटनाओं को न्यून करने में अपना शत प्रतिशत योगदान दें।
सरकार आगामी चार धाम यात्रा को सुलभ एवं दुर्घटना रहित बनाये जाने हेतु कटिबद्ध है, जिस हेतु यात्रा मार्गों पर स्थापित पर्यटन, पुलिस एवं परिवहन विभाग के अस्थाई चेक पोस्ट को विशेष एवं अतिरिक्त कार्य हेतु निर्देष जारी किये जा रहें हैं।ऽ राज्य में घटित हो रही त्रासदी एवं प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत माननीय मंत्री जी द्वारा वैज्ञानिकों से और अधिक शोध करने का आह्वान किया गया ।
उत्तराखंड परिवहन निगम की उपलब्धियों की ओर जन समुदाय का ध्यान आकर्षित करते हुए माननीय मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व के वर्षों में परिवहन निगम 350 करोड़ से अधिक घाटे पर था जबकि वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा 20 करोड का लाभ अर्जित किया गया है। माननीय मंत्री जी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि बहुत जल्द परिवहन निगम के बेड़े में 100 अतिरिक्त बसें जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
उक्त के अतिरिक्त सरकार द्वारा परिवहन निगम के बेड़े में इलेक्ट्रॉनिक एवं सीएनजी वाहनों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। अंत में माननीय मंत्री जी द्वारा सेमिनार में उपस्थित विभिन्न वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों एवं विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए यह आशा व्यक्त की गई कि भविष्य में राज्य की जनता के साथ-साथ जनपद की जनता को स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित वातावरण प्रदान करने में आज के इस सेमिनार अपना एक अहम योगदान रहेगा।