कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पूर्व सांसद यहां अपनी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और केंद्र की बीजेपी नीत सरकार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा कि संसद सदस्य से अयोग्य ठहराकर उन्हें चुप नहीं कराया जा सकता और वे देश के लिए सवाल पूछते रहेंगे.
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने आप सबसे काफी बार बोला है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. इसके हमें हर रोज नए उदाहरण मिलते हैं. मैंने एक ही सवाल पूछा था कि अडानी जी की शेल कंपनीज हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने इन्वेस्ट किया. असली सवाल ये है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं?
उन्होंने कहा, ‘मैंने संसद में प्रूफ देकर जो मीडिया रिपोर्ट से मैंने निकाला- अडानी जी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में बोला. रिश्ता नया नहीं पुराना है. जब नरेंद्र मोदी जी गुजरात के सीएम बने थे, तब से रिश्ता है. हवाई जहाज की मैंने फोटो दिखाई. नरेंद्र मोदी जी अपने मित्र के साथ बड़े आराम से बैठे हुए थे. मैंने संसद में फोटो दिखाया.
’राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा, ‘देश में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. संसद में मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था. संसद से मेरे भाषणों को हटा दिया गया. मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले, लेकिन मौका नहीं मिला.’
वायनाड से पूर्व सांसद ने कहा, ‘अगर ये सोचें कि मुझे अयोग्य घोषित करके, डरा-धमकाकर, जेल में बंद करके मुझे रोक सकते हैं. नहीं… मेरी वो हिस्ट्री नहीं है. मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा. मैं किसी चीज से नहीं डरता, ये सच्चाई है.
’कांग्रेस नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे सच्चाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं है. मैं केवल सच बोलता हूं, यह मेरा काम है और मैं इसे करता रहूंगा चाहे मैं अयोग्य हो जाऊं या गिरफ्तार हो जाऊं. इस देश ने मुझे सब कुछ दिया है और इसलिए मैं ऐसा करता हूं.’
राहुल गांधी ने इसके साथ कहा कि ‘अडानी पर मेरे अगले भाषण से प्रधानमंत्री डरे हुए हैं और मैंने यह उनकी आंखों में देखा है, इसलिए पहले मुद्दे से ध्यान भटकाया गया. उसके बाद मुझे अयोग्य घोषित कर दिया गया.’ उन्होंने आगे कहा, ‘भले ही वे मुझे स्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दें, मैं अपना काम करता रहूंगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या नहीं. मैं देश के लिए लड़ता रहूंगा.’