देहरादून। भाजपा ने महिला आरक्षण बिल के संसद में आने पर खुशी जताते हुए कहा कि देश की आधी आबादी को संसद और विधान सभा मे प्रतिनिधित्व देने का सपना मोदी सरकार मे ही पूरा हो पाया और यह ऐतिहासिक घड़ी अब बहुत नजदीक है। पार्टी ने कांग्रेस विधायक के द्वारा दुर्व्यवहार पर कॉंग्रेस नेतृत्व की चुप्पी पर निशाना साधा और राज्यपाल से कॉंग्रेस विधायक मदन बिष्ट के दुर्व्यवहार को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की अपील की है।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए केंद्रीय कैबिनेट द्धारा पास मातृ शक्ति को लोकसभा एवं विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने को मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होने कहा कि 90 के दशक से यह बिल संसद में पास होने का इंतजार कर रहा है। कई मर्तबा विभिन्न सरकारों ने प्रयास भी किए और नाकाम रहे। कभी इच्छा शक्ति की कमी रही कभी संख्या बल की,लेकिन देश की आधी आबादी को उसका अधिकार दिलाने का बीड़ा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उठाया है। उनकी कैबिनेट का बिल पास कर सदन में भेजना और मोदी जी के पुराने ट्रेक रिकॉर्ड को देखते हुए देश की जनता को भरोसा हो गया है कि इस बार महिला आरक्षण विधेयक पास होकर रहेगा। इस निर्णय से देश की तरह उत्तराखंड में भी जश्न का माहौल है।
उन्होने प्रदेश की सभी मातृ शक्ति को बधाई देते हुए आने वाले चुनावों में अधिक भागेदारी की तैयारी के लिए शुभकामना दी हैं। प्रदेश में भी पंचायतों में 50 फीसदी और नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देकर भाजपा सरकार मातृ शक्ति को सामाजिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
इस मौके पर मीडिया द्धारा कॉंग्रेस विधायक मदन बिष्ट को लेकर पूछे गए सवाल का जबाब देते हुए कहा कि जो दुर्व्यवहार विधायक ने कॉलेज के छात्रों, निदेशक और उनके परिजनों के साथ किया वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। विधायक के आरोपों से उलट जिस तरह की जानकारी और विडियो सामने आ रहे हैं वह उनकी सोच और मानसिकता को दर्शाता है।इस पूरे प्रकरण पर कानून अपना काम करेगा, लेकिन जिस तरह एक जिम्मेदार विधायक द्धारा मुख्यमंत्री और पार्टी के लिए अभद्र टिप्पणियाँ की हैं और छात्रों एवं कॉलेज प्रशासन को गुंडागर्दी दिखाकर धमकाने का काम किया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि पार्टी राज्यपाल से मांग करती है कि वे इस पूरे घटनाक्रम को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक संवैधानिक कार्यवाही करे। उन्होने कॉंग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी किसी बड़े कोंग्रेसी नेता का अपने विधायक के व्यवहार को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है,जो दर्शाता है कि कॉंग्रेस पार्टी के विचार, मानसिकता और कृत्य अपने विधायक की करतूत को स्वीकार करने वाले हैं।