आज (12 जनवरी) National Youth Day है . हर वर्ष स्वामी विवेकानंद जी की याद में यह दिवस मनाया जाता है. किसी भी देश एवं प्रदेश की उन्नति का दारोमदार वहां के युवाओं पर ही निर्भर करता है; क्योंकि युवाओं के अन्दर वह क्षमता होती है जिसके दम पर वे नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं. इतिहास गवाह हैं कि न सिर्फ अपने देश में बल्कि पूरे विश्व में युवा बदलाव के वाहक रहे हैं. युवाओं की अहमियत कल भी थी, आज भी है और हमेशा रहेगी, चाहे काल व परिस्थितियां कितनी भी क्यों न बदल जाए. जिस देश में जितनी अधिक युवा आबादी होगी उसका भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. यह भारत का सौभाग्य है कि यहां युवा सम्पदा भरी पडी है. इसी के बलबूते पर ही भारत आने वाले समय विश्व की महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है.
उत्तराखंड भी युवा है और यहाँ की अधिकांश आबादी भी युवा है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बार-बार कह रहे हैं कि 21 सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा. सीएम पुष्कर सिंह धामी भी 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने और आगामी 5 वर्षों में राज्य की जीडीपी को भी डबल करने का सपना देख रहे हैं.
उत्तराखंड के पास युवा संसाधन के रूप में अपार सम्पदा है और यदि उत्तराखंड के युवा वर्ग को सशक्त बनाए जाए तो निश्चित ही उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य एवं ये दशक उत्तराखंड का दशक हो सकता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी युवा और इसीलिये युवाओं की महत्ता को अच्छी तरह से समझते हैं. वे यह बात भी अच्छी तरह से जानते हैं कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य युवा शक्ति के बलबूते ही बनाया जा सकता है
उत्तराखंड में एक कहावत खूब प्रचलित थी की पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है लेकिन पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस कहावत को बदलने का काम किया है. आज सीएम धामी के नेतृत्व में पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों ही पहाड़ के काम आने लगी है.
पहले के समय उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता था लेकिन जबसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की बागडोर संभाली है तबसे बहुत हद तक पलायन पर अंकुश लगा है. पहले के समय में उत्तराखंड के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी का सपना सिर्फ सपना ही रह जाता था लेकिन आज धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के युवाओं का सरकारी नौकरी का सपना सच हो रहा है. उत्तराखंड में पहले कई सालों तक सरकारी भर्तियों ही नहीं आती थी और जब सरकारी भर्तियाँ आती भी थी तो फॉर्म भरने से लेकर रिजल्ट तक कई साल लग जाते थे. इसके बावजूद भी योग्य व्यक्तियों का चयन नहीं हो पाता था क्योंकि सरकारी भर्तियों में नक़ल माफियाओं का बोलबाला था. धामी सरकार ने नक़ल माफियाओं पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा और राज्य में देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी कानून लागू किया. अब उत्तराखंड में पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ सरकारी भर्तियाँ हो रही हैं. यही वजह है कि अब योग्य व्यक्तियों का सरकारी नौकरियों में चयन हो रहा है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी की वजह से ही उत्तराखंड के युवाओं की उम्मीदों को एक बार फिर से पंख लगे हैं. इसी कारण उत्तराखंड के युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी को अपना आदर्श भी मानने लगे है और सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोल मॉडल बनते जा रहे हैं.
युवा प्रदेश के युवाओं की उम्मीदों को पूरा करते धामी
देहरादून | उत्तराखंड एक युवा प्रदेश है और यह अनंत संभावनाओं का भी प्रदेश है. इसीलिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की जिम्मेवारी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में सौंपी है. युवा एवं ओजस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब से उत्तराखंड की जिम्मेवारी संभाली है तब से वे लगातार उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर ले जाने हेतु प्रयासरत हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी युवा और इसीलिये युवाओं की महत्ता को अच्छी तरह से समझते हैं. वे यह बात भी अच्छी तरह से जानते हैं कि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य युवा शक्ति के बलबूते ही बनाया जा सकता है; क्योंकि युवाओं की ऊर्जा अक्षुण्ण, यश अक्षय, पराक्रम अपराजेय, आस्था अडिग एवं संकल्प दृढ होता है और अपने इन्हीं गुणों की बदौलत वे असंभव को भी संभव बनाने की क्षमता रखते हैं.
सीएम धामी जब से राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं तब से वे निरंतर युवाओं के हित में हरसंभव कदम उठा रहे हैं. युवाओं की मुख्य जरुरत रोजगार की होती हैं और सीएम धामी रोजगार सृजन में निरंतर लगे हुए हैं. सरकारी विभागों में अब समय पर पारदर्शिता पूर्ण भर्तियाँ हो रही हैं. पिछले एक साल में उत्तराखंड में रिकॉर्ड भर्तियाँ हुई है. विगत 2023 में उत्तराखंड के सरकारी विभागों में 6635 भर्तियाँ हुई है जो कि उत्तराखंड के अब तक के इतिहास में एक रिकॉर्ड है. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग दोनों ही आगामी परीक्षाओं के कैलेण्डर भी जारी करने लगे हैं. इन संस्थाओं द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सेंध लगाने वाले आज जेल की सलाखों के पीछे हैं. सीएम धामी में सरकारी परीक्षाओं की शुचिता के लिए देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी कानून भी लागू कर दिया है. अब सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में वही सफल हो रहे हैं जो वास्तव में उसके लिए योग्यता रखते हैं.
सरकारी क्षेत्र के अतिरिक्त निजी क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन को सीएम धामी लगातार बढ़ावा दे रहे हैं. धामी जी को यह अच्छी तरह से मालूम है कि उत्तराखंड में निजी क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं है और इसीलिये वे प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
प्रदेश में बड़े स्तर पर रोजगार सृजन के लिए सीएम धामी ने विगत दिसम्बर माह में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था , जिसके माध्यम से 3.5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश करार हुए है. धामी सरकार निवेश करार को धरातल पर उतारने की तैयारी कर रही है. देश और विदेश के निवेशकों के निवेश करार जब धरातल पर उतरेंगे तो निश्चित ही उत्तराखंड के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और यहाँ से पलायन भी रुकेगा. इस प्रकार आने वाले समय में सीएम धामी का उत्तराखंड की जीडीपी को डबल करने का सपना भी पूरा होगा.