नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की महापरिषद की 89वीं बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 60 करोड़ ऐसे लोगों, जिनके पास पूंजी नहीं है, की आर्थिक समृद्धि का एकमात्र रास्ता सहकारिता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, अपने गठन के बाद से, सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और GDP में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पिछले 27 महीनों में 52 पहल की हैं। इन पहलों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की दिशा में की गई पहलों में PACS का कंप्यूटरीकरण, मॉडल उपनियम, और PACS के कामकाज के विस्तार के लिए डेयरी, गोदामों की स्थापना, एलपीजी/पेट्रोल/हरित ऊर्जा वितरण एजेंसी, बैंकिंग संवाददाता, PACS द्वारा सामान्य सेवा केन्द्र के रूप में 300 से अधिक सेवाएं प्रदान करना, और सहकारी समितियों का अद्यतन डेटाबेस तैयार करने जैसी 30 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियां शामिल हैं।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उल्लेखनीय पहलें जैसे जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में PACS और पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव का काम करने के लिए पानी समिति के रूप में पहल आदि PACS को स्थायी आय और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकती हैं। राज्य सरकारों की सहायता से एक राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस विकसित किया गया है, जिसमें देशभर की 8 लाख से अधिक सहकारी समितियों का व्यापक, प्रामाणिक और updated डेटा उपलब्ध है। श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है और सहकारी समितियों को लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी घटक को अपने ऋण के साथ जोड़कर वित्तीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता संवितरित की है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम चालू वित्तीय वर्ष में वित्तीय सहायता के वितरण में 2013-14 में वितरित 5,300 करोड़ रुपये से 10 गुना वृद्धि हासिल करने की ओर अग्रसर है। श्री शाह ने कहा कि इतने प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम वर्ष 2023-2024 के लिए तय किए गए 50,000 करोड़ रुपये रुपये के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि निगम का शुद्ध NPA 2022-23 में 99% से अधिक ऋण वसूली दर होने के साथ ‘शून्य’ पर बना हुआ है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को प्रत्येक तिमाही के लक्ष्यों के साथ-साथ अगले 3 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक वितरण लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को कम दरों पर कर्ज़ लेने के ज़रिए ढूंढने चाहिएं और ब्याज दर कम रखते हुए सहकारिता क्षेत्र को ऋण देना चाहिए। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं बल्कि सहकारिता क्षेत्र के समग्र विकास का होना चाहिए। श्री अमित शाह ने देश में सहकारी विकास में मदद करने में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की भूमिका की सराहना की और कहा कि कृषि विपणन एवं निवेश, प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड चेन और कृषि उपज के विपणन से, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का दायरा समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रों को शामिल करने और देश में युवाओं की आय को बढ़ावा देने के लिए व्यापक हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश में 8.9 लाख सहकारी समितियां हैं और 29 करोड़ किसान इनके सदस्य हैं। 1963 में अपनी स्थापना के बाद से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने कृषि और बागवानी सहकारी समितियों सहित सहकारी समितियों को 2,78,378 करोड़ रुपये की cumulative वित्तीय सहायता प्रदान की है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग उपनियम (By-laws) वाले PACS के कामकाज में एकरूपता लाने पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने सहकारिता मंत्रालय द्वारा तैयार PACS मॉडल उपनियमों (Model by-laws) को अपना लिया है। उन्होंने कहा कि PACS के काम का दायरा अब व्यापक हो गया है और अब ये डेयरी और मत्स्यपालन जैसे 25 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं और सामान्य सेवा केंद्र (CSC) के रूप में भी काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि CSCबनकर PACS अब ग्रामीण लोगों को 300 से अधिक सेवाएं प्रदान कर सकती है।
अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की क्षमता को पहचानते हुए इसे सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना के तहत परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन और संवर्धन को बढ़ावा देने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है, जो FPO के रूप में नई सहकारी समितियों का पंजीकरण और उन्हें समर्थन प्रदान करती है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछली किसान उत्पादक संगठन (FFPOs) के गठन और संवर्धन के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी भी है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को निर्यात, जैविक और बीज उत्पादन पर गठित तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि ये समितियां सहकारी क्षेत्र की कई दिग्गज कंपनियों की तरह अपने व्यवसाय में आगे बढ़ें। एनसीडीसी को शहरी सहकारी बैंक के प्रस्तावित छत्र संगठन में इक्विटी का पहला योगदानकर्ता भी होना चाहिए।