देहरादून। पट्टे की जमीनों और बस्तियों में अब बिना नगर निगम की एनओसी के बिजली-पानी के कनेक्शन नही दिए जाएंगे। जमीनों की अवैध खरीद-फरोख्त रोकने के लिए यह फैसला लिया है। इसके लिए निगम ने ऊर्जा निगम और जल संस्थान को पत्र भी लिखा है। 2016 के बाद पट्टे की जमीन या बस्तियों में हुए निर्माणों को अवैध माना जाएगा।
दरअसल, चंद्रबनी, मेंहूवाला, बड़ोवाला, मोथरोवाला, आईटी पार्क, सहस्रधारा, कारगी कुआंवाला, हर्रावाला, नकरौंदा, बालावाला, नेहरूग्राम, सहित अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में लोग वर्षों से सरकारी जमीनों में निवास कर रहें है। यहां कई लोगों ने कब्जा किया हुआ तो कइयों को सरकार ने पट्टे दिए गए हैं।
पट्टे की जमीनों और बस्तियों में मकानों की बड़े पैमाने में अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है। दस, पचास और सौ रुपये के स्टांप पेपर पर जमीनों और भवनों को खरीदा-बेचा जा रहा है। नए निर्माण हो रहे हैं। ऊर्जा निगम और जल संस्थान उन्हें बिना सत्यापन के बिजली कनेक्शन दे रहा है।
लेकिन लगातार अवैध खरीद-फरोख्त के मामले सामने आने के बाद नगर निगम की और से ऊर्जा निगम और जल संस्थान को पत्र लिखकर बिना प्रमाण पत्रों या निगम के एनओसी के पट्टे की जमीनों और बस्तियाें में नए कनेक्शन जारी नहीं करने को कहा है, ताकि यहां अवैध निर्माणों पर रोक लग सके।
नगर निगम के नगर आयुक्त मनुज गोयल ने जानकारी देते हुये बताया की निगम अब 2016 से पूर्व बस्तियों से हाउस टैक्स वसूलने जा रहा है। लेकिन ऐसे भवनों को हाउस टैक्स के दायरे में नहीं लिया जाएगा जिनका निर्माण 2016 के बाद हुआ है। उन्हीं से टैक्स वसूला जाएगा जिनके पास 2016 से पहले का बिजली या पानी का कनेक्शन होगा। टैक्स जमा करते समय उन्हें 2016 से पूर्व का बिजली, पानी का बिल जमा करना होगा। जिनके पास नहीं होगा उन भवनों को अतिक्रमण माना जाएगा।
पट्टे की जमीनों और बस्तियों में अवैध खरीद-फरोख्त के मामले सामने आ रहे हैं। निगम ने 2016 से पूर्व के पट्टों और बस्तियों से हाउस टैक्स लेने का निर्णय लिया है। ऊर्जा निगम और जल संस्थान को स्वामित्व का प्रमाण पत्र दिखाने पर ही नए बिजली-पानी के कनेक्शन जारी करने के लिए पत्र लिया गया है। जिससे कि अवैध निर्माणों पर रोक लग सके।