टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र घनसाली के गोनगढ़ पट्टी में स्थित मां दुध्याड़ी देवी के बारहवर्षीय मेले (महाकुंभ) का आयोजन दिनांक 07 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो रहा है। क्षेत्रवासियों बताते हैं कि जगत जननी मां दुध्याड़ी देवी अपने मूल रूप में शक्ति का अवतार मानी जाती है। मां दुध्याड़ी देवी मेले को 21वीं सदी का प्रथम महाकुंभ माना जाता है। मां दुध्याड़ी देवी का मंदिर पौनाड़ा गांव के समीप देवल नामक स्थान पर सिलंगा वृक्ष के मूल में समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जो तीनों ओर से सुंदर तथा ऊंची पर्वत मालाओं से घिरा हुआ है। मंदिर सभा व ग्रामवासियों के खेतों पर मां दुध्याड़ी देवी का मेला स्थल बना हुआ है। जहां प्रत्येक 12 वर्षों के पश्चात परंपरा के अनुसार मेले का आयोजन किया जाता है ।
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मां दुध्याड़ी देवी का मेला एक परंपरागत ऐतिहासिक धार्मिक उत्सव है। जो देवी की परंपरा के अनुसार आदिकाल से हर 12 वर्षों के पश्चात मनाया जाता है। यह कथा प्रचलित है कि हर 12 वर्षों के पश्चात दीपावली बलिराज के दिन समस्त गांव देवी की सहमति से 2 अवतारी पुजारियों द्वारा देवी की डांडी बाहर निकाली जाती है। मंदिर स्थल पर उस समय का दृश्य देखने योग्य होता है। जब मंदिर के चारों और देवी डांडी का दर्शन, आशीर्वाद लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ जुट जाती है । बलिराज के दिन लंबी प्रतीक्षा के पश्चात लगभग सायं 4:00 बजे अपनी पौराणिक वेशभूषा में देवी के दो अवतारी पुजारी अपने मंदिर में प्रवेश करते हैं। लगभग 15-20 मिनट के पश्चात देवी के पुजारी अंदर की औपचारिकता पूर्ण करने के बाद कंपन मुद्रा में देवी अवतार लेती हुई डांडी के साथ बाहर आती हैं। देखते ही देखते डांडी स्पर्श करने में भीड़ लग जाती है सभी ग्रामवासी खुशी से नाचने लग जाते है।
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7 दिसंबर का दिन गोनगढ़ पट्टी के साथ-साथ टिहरी जनपद और घनसाली विधानसभा की समस्त जनता महिलाओं, पुरुषों और युवाओं तथा बच्चों के लिए एक एतिहासिक व स्मरणीय दिन होगा। जब देवी बाहर आएगी। मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर सिलंगा वृक्ष के नीचे मां के दर्शन सभी भक्तजनों को प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति के मन में देवी के सुंदर रूप व विभिन्न आभूषणों से सुसज्जित डोली को देखने की लालसा लगी रहती है। चारों तरफ खुशहाली छा जाती है खेत रमणीय बाजार के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं यह दृश्य देखने तथा मन को मोह लेने वाला होता है। इस मेले के संयोजक श्री पूरब सिंह नेगी जी बताते हैं कि जब माता रानी की डोली बाहर आती है तो लोगों का जमावड़ा लग जाता है।
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उन्होंने मां दुध्याड़ी देवी के इस बारहवर्षीय मेला-2022 के कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। जिसमे उनके द्वारा बताया गया कि माता रानी की डोली सर्वप्रथम गोनगढ़ पट्टी के सभी गांवों में दिनांक 7 दिसंबर से 16 दिसंबर तक भ्रमण करेगी। तत्पश्चात घनसाली विधानसभा के अनेकों स्थानों से होकर मां गंगा की नगरी उत्तरकाशी को पैदल मार्गों से होते हुए जाएगी। उन्होंने सभी राज्यवासियों से अपील भी की कि आप लोग भी माता रानी के दर्शनों हेतु सादर आमंत्रित हैं।
देवभूमि समीक्षा पोर्टल भी बारहवर्षीय मां दुध्याड़ी देवी के मेले में आप सभी को आमंत्रित करता है। जिसका समस्त कार्यक्रम हमारे पोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा।