बागेश्वर 16 नवम्बर। राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर जिला सूचना कार्यालय में कृत्रिम मेघा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के विषय पर पत्रकार गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें पत्रकारों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीकी के साथ ही स्वयं ही स्मार्ट व जागरूक होकर सावधानीपूर्वक उपयोग करने पर बल दिया। पत्रकारों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा करते हुए कहा कि, आने वाले वर्षों में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जीवन को इतना बदलने जा रहे हैं कि आज की विज्ञान-कल्पना कल की वास्तविकता होगी।
पहले इंसानों ने काम करने के लिए लगने वाली शारीरिक मेहनत को कम करने के लिए मशीनें बनाईं। एआई द्वारा अब इन मशीनों को दिमाग दिया जा रहा है और उन्हें स्मार्ट बना रहा हैं। जिससे मेहनत और कम हो जाएगी। एआई का हर उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। स्वचालित परिवहन, बुद्धिमान गेमिंग, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल इसके कुछ उदाहरण हैं। अन्य डोमेन की तरह डिजिटल मीडिया और मनोरंजन उद्योग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ तेजी से विकसित हुआ है।
आज के युग में कल्पित बुद्धिमत्ता के दौर में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मीडिया को नए आयाम तक पहुँचाया है। यह समझाना मुश्किल है कि कैसे एआई ने समाचार, भाषण और मनोरंजन की दुनिया को बदल दिया है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने समाचार पत्रिकाएं, टीवी चैनल और रेडियो को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। मनोरंजन क्षेत्र में भी, एआई ने बड़ा परिवर्तन किया है। अलग-अलग प्लेटफॉर्मों पर स्ट्रीमिंग सेवाएं और खेलों के लिए एआई तकनीक का उपयोग हो रहा है, जिससे नए रूपों में मनोरंजन का आनंद लिया जा सकता है। इस सब के बावजूद, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि एआई का उपयोग सावधानीपूर्वक होना चाहिए। इसमें नैतिकता, गोपनीयता, और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी शामिल है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि इसका उपयोग जनहित में होना चाहिए। गोष्ठी में जिला सूचना अधिकारी गोविन्द सिंह बिष्ट, पत्रकार लोकपाल कोरंगा, जगदीश उपाध्याय, जगदीश पाण्डे, हरीश नगरकोटी, योगेश नगरकोटी, सुश्मिता थापा, राजकुमार परिहार, रमेश प्रकाश पर्वतीय, हिमांशु गड़िया, दीपक जोशी, ललिता प्रसाद, भाष्कर तिवारी, कनिष्ठ लिपिक रोबिन सिंह आदि मौजूद थे।