नई दिल्ली। साझा चुनौतियों, विशेष रूप से समुद्री प्रदूष से निपटने के बारे में समुद्री विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) प्रदूषण-नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रहरी’ ने अपनी चार दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन बैंकॉक, थाईलैंड में ख्लोंग टोई बंदरगाह पर एक व्यापक ‘पल्यूशन रिस्पान्स टेबल-टॉप’ अभ्यास का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में थाईलैंड के समुद्री प्रवर्तन समन्वय केंद्र (एमईसीसी), सीमा शुल्क विभाग, समुद्री विभाग, रॉयल नेवी, मत्स्य पालन विभाग और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
इस अभ्यास में ऐसा परिदृश्य भी शामिल था जिसमें भारतीय तटरक्षक के सहयोग से थाईलैंड की समुद्रीय प्रदूषण प्रतिक्रिया की आकस्मिक योजना तैयार करके उसका परीक्षण भी किया गया। इससे वास्तविक जीवन के तेल प्रदूषण परिदृश्यों के दौरान बाधा रहित सहयोग सुनिश्चित करते हुए, सेवाओं के बीच ज्ञान को साझा करने और एक संवादमूलक माहौल को बढ़ावा मिला। इस अभ्यास ने भारतीय तटरक्षक की प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं और इस क्षेत्र के प्रति भारत की साझा प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।
अभ्यास से पहले, पोत के हेलो डेक पर एक संयुक्त योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय दूतावास के अधिकारी और थाई-एमईसीसी प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिभागियों को अपने दैनिक जीवन में योग को शामिल करने और इसकी एकीकृत शक्ति एवं कई लाभों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
अपनी यात्रा के दौरान, पोत के चालक दल ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों और भारतीय दूतावास के प्रतिनिधियों के साथ पटाया बीच पर एक अंतरराष्ट्रीय आउटरीच समुद्र तट सफाई गतिविधि में सक्रिय रूप से भाग लिया। यह पहल पुनीत सागर अभियान का एक हिस्सा थी, जो स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ समुद्री तटों से प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों की साफ-सफाई करने के लिए एनसीसी का एक प्रमुख राष्ट्रव्यापी अभियान था। इस गतिविधि में स्थानीय थाई युवा संगठनों का भी पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में सहयोग देखा गया।
कमांडिंग ऑफिसर डी.आई.जी जी.डी. रतूड़ी ने थाई-एमईसीसी मुख्यालय में नीति और योजना कार्यालय के महानिदेशक रियर एडमिरल विचनु थुपा-आंग के साथ एक बैठक की। दोनों अधिकारियों ने समुद्री सुरक्षा और संरक्षा के क्षेत्र में भारत और थाईलैंड के बीच बढ़ते संबंधों के बारे में विचार-विमर्श किया।
भारत-आसियान पहल के अंतर्गत ‘समुद्र प्रहरी’ की यह बैंकॉक यात्रा समुद्री क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक और थाई एमईसीसी के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) विजन और भारत की जी-20 अध्यक्षता की विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप भारत को एक भरोसेमंद समुद्री भागीदार के रूप में उजागर करने में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। विदेश में तैनाती की भारत-आसियान पहल की घोषणा रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा नवंबर 2022 में कंबोडिया में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान की गई थी।