Retail
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय
No Result
View All Result
Devbhoomisamiksha Logo
No Result
View All Result

जड़ी-बूटी मंडी मजबूत करेगी पहाड़ों की ग्रामीण आर्थिकी : डा. महेन्द्र राणा

by Mukesh Joshi
November 3, 2023
in देहरादून
0
-

देहरादून। वरिष्ट आयुर्वेदिक चिकित्सक, भारतीय चिकित्सा परिषद् उत्तराखंड के पूर्व बोर्ड सदस्य एवं आरोग्य मेडिसिटी इंडिया के संस्थापक डा. महेन्द्र राणा ने कहा की सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करने में पारंपरिक जड़ी-बूटियों की खेती बड़ी मददगार है। जरूरत है प्रदेश सरकार द्वारा इनकी व्यावसायिक खेती, बिक्री एवं खरीददारी को बढ़ावा देने की। इससे न केवल किसान और ग्रामीण आर्थिकी को संबल मिलेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी पंख लगेंगे।

उत्तराखंड की विविध जलवायु और स्थलाकृतिक परिस्थितियां इसे विभिन्न प्रकार के औषधीय और सुगंधित पौधों की वृद्धि के लिए अनुकूल बनाती हैं। उत्तराखंड की जलवायु अतीष, कौड़ाईस, दारुहरिद्रा (किनगोड़), कीड़ा जड़ी, तुलसी, रतालू, बिच्छू घास (कंडाली), कालमेग, तगर, एलोवेरा, लेमन ग्रास आदि अनेकों जड़ी बूटियों की उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार में सक्षम है। जड़ी-बूटियों का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं में देश विदेश में औषधि निर्माताओं द्वारा किया जाता है। इन औषधीय पौधों की खेती और संग्रहण स्थानीय समुदायों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की आय का अहम स्रोत बन सकता है। इनकी कटाई, प्रसंस्करण और इनकी बिक्री स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार और आजीविका के स्वर्णिम अवसर दे सकती है। प्राकृतिक और हर्बल उत्पादों की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। औषधीय जड़ी-बूटियों और हर्बल अर्क का निर्यात उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मददगार हो सकता है। जड़ी-बूटियों के व्यावसायिक उत्पादन और बिक्री से उत्तराखंड में हर्बल उत्पाद उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे हर्बल दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और आवश्यक तेलों सहित कई प्रकार के उत्पादों के निर्माण के साथ रोजगार के तमाम अवसर बढ़ेंगे। यह उद्योग जड़ी-बूटियों का उत्पादन कर रहे किसानों को उचित मूल्य मुहैया कराने में मददगार बनेंगे, जिससे ग्रामीण आर्थिकी मजबूत होगी।

जड़ी-बूटियों की खेती का पर्यावरणीय पहलू भी है, जो राज्य में जैव विविधता के संरक्षण को प्रोत्साहित करती है।स्थानीय समुदायों को इन मूल्यवान पौधों के संसाधनों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राज्य में औषधीय और सुगंधित पौधों की मौजूदगी “इकोटूरिज्म” को बढ़ावा देगी। जो पर्यटकों को ट्रैकिंग, हर्बल टूर और वेलनेस रिट्रीट के लिए उत्तराखंड की ओर आकर्षित करेगा, जिसका सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर दिखेगा। उत्तराखंड की जड़ी-बूटियां “चिकित्सा” और “फार्माकोलॉजी” के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की गतिविधियों को आकर्षित करती हैं। इससे नए “वानस्पतिक शोधों” और “हर्बल उत्पादों” के व्यवसाय को बढ़ावा मिल सकता है। लेकिन उत्तराखंड में इस जड़ी-बूटी व्यवसाय को समृद्ध रुप से पनपने में सबसे बढ़ी चुनौती है, यहां एक भी जड़ी-बूटी मंडी का न होना, जिस कारण पहाड़ के स्थानीय किसानो को इन उच्च गुणवत्ता युक्त कीमती जड़ी बूटियों के खरीददार और उचित दाम नहीं मिल पाते है। जो पहाड़ी प्रगतिशील किसान हिम्मत करके औषधीय खेती करने का प्रयास करता भी है, तो उसकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिलने पर वह भी कुछ समय बाद हिम्मत छोड़ देता है। यदि उत्तराखंड सरकार जड़ी-बूटी मंडी की स्थापना करके, इन औषधीय उत्पादों की उनकी गुणवत्ता एवं अंतराष्ट्रीय मूल्यों के आधार पर एम.एस.पी.(न्यूनतम खरीददारी मूल्य) निर्धारित कर दे तो निसंदेह पर्वतीय किसान भी न केवल औषधीय खेती को बड़चड़कर अपनाकर समृद्ध बनेगा बल्कि उत्तराखंड के मेहनती पहाड़ी नौजवानों में मैदानों में पलायन करने की मज़बूरी पर भी बहुत हद तक अंकुश लग जायेगा।

Tags: breaking news

Related Posts

-
देहरादून

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से पूर्व डिप्टी स्पीकर लोकसभा चरणजीत सिंह अटवाल ने की शिष्टाचार भेंट

-
देहरादून

मुख्यमंत्री ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत किया पौधारोपण।

-
देहरादून

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से मिले फोटोग्राफर भूमेश भारती

-
देहरादून

सूबे के नर्सिंग कॉलेजों में पूर्व की भांति रहेगी प्रवेश प्रक्रिया

Load More
Next Post
-

विरासत में अंतरराष्ट्रीय सितार वादक सुभेन्द्र राव की प्रस्तुति ने शमा बांधा

Like Us

Facebook New 01

Web Stories

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।
Author: Rajendra Joshi
Website: Devbhoomisamiksha.com
Email: info@devbhoomisamiksha.com
Contact: +91-9456762615
AppstoreiOS 1 E1725977117558
AppstoreAndroid 1
  • About
  • Contact Us
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • देश
  • राज्य
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • हिमाचंल प्रदेश
    • हरियाणा
    • महाराष्ट्र
  • उत्तराखंड
    • कुमाऊं
      • अल्मोड़ा
      • चम्पावत
      • उधम सिंह नगर
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • बागेश्वर
    • गढ़वाल
      • उत्तरकाशी
      • चमोली
      • देहरादून
      • टिहरी गढ़वाल
      • पौड़ी गढ़वाल
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
  • राजनीति
  • धर्म संस्कृति
  • शिक्षा/रोजगार
  • वायरल
  • खेल
  • स्वास्थ्य
  • दुनिया
  • संपादकीय

© 2024 Dev Bhoomi Samiksha All Rights Reserved

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2024उत्तराखण्ड : आज के सभी प्रमुख समाचार।