- श्रद्धालुओं की सुविधाओं का रखा जाए पूरा ध्यान
- कावड़ यात्रा सकुशल सम्पन्न कराना अधिकारियों की जिम्मेदारी
- कावड़ यात्रा मार्ग के साथ पार्किग स्थलों पर साइनेज, स्वच्छता एवं पेयजल आदि का हो कारगर प्रबंध
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों से नीलकण्ठ महादेव की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली तथा व्यवस्थाओं को चाक-चौबन्द रखने के निर्देश दिये। बैठक में हिलबाई पास रोड को खोले जाने का प्रकरण भी सामने आया। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आज ही हिलबाईपास को खोले जाने के सम्बन्ध में एनओसी जारी की जाये ताकि हिलबाई पास की मरम्मत आदि का कार्य यथासमय पूरा कर लिया जाये।
बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कांवड़ यात्रा की समयावधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले कांवड़ियों का क्या अनुपात है, कावंड़ यात्रा के क्या-क्या नियम रहेंगे, कांवड़ मार्गों का विवरण, वैकल्पिक मार्गों का विवरण, कांवड़ यात्रा की क्या-क्या चुनौतियां हैं, रोड़ीबेलवाला, बैरागी कैम्प सहित पार्कों में की गयी व्यवस्था, कावंड़ यात्रा के सफल संचालन के लिये नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, सरकारी तथा गैर सरकारी प्रमुख स्टेक होल्डर, कांवड़ यात्रियों की सुविधा हेतु क्या-क्या व्यवस्थायें की जा रही है, कांवड़ मेले की दृष्टि से स्वास्थ्य, नगर निगम, विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण आदि विभागों द्वारा की जा रही तैयारियों आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
जिलाधिकारी हरिद्वार धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कांवड़ मेले के लिए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों के लिए 03 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में आगे बताया कि कावंड़ मेले के लिये 2720 से अधिक शौचालय, 640 से अधिक यूरेनल तथा मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है, जिसके लिये 1200 से अधिक सफाई कार्मिक तैनात किये जा रहे हैं तथा आवश्यकता पड़़ने पर यह संख्या और बढ़ाई जायेगी। उन्होंने बैठक में स्वास्थ्य सम्बन्धी तैयारियों की जानकारी देते हुये बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 21 स्वास्थ्य कैम्प लगाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सभी अस्पतालों में हर तरह के इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
जिलाधिकारी ने कांवड़ मेले की एसओपी का उल्लेख करते हुये बताया कि कोई भी कांवड़ 12 फीट से ऊंची नहीं होगी, कांवड़िये कोई भी ऐसी सामग्री अपने साथ लेकर नहीं चलेंगे, जिससे नुकसान पहुंचने की संभावना हो तथा व्यापारी बन्धु भी इस तरह की कोई भी सामग्री की बिक्री नहीं करेंगे तथा कांवड़ियों को निर्धारित ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कानून एवं व्यवस्था के प्रश्न पर कहीं पर भी कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि कांवड़ मेले से सम्बन्धित सारी व्यवस्थायें 30 जून तक पूरी कर ली जायेंगी। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को कांवड़ मेले के संचालन के लिये बनाई गयी व्यवस्था के सम्बन्ध में बताया कि कांवड़ मेले को 12 सुपर जोन, 32 जोन तथा 134 सेक्टरों में बांटा गया है, जिसके पूरे संचालन के लिये पांच नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं।
बैठक में प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य सामग्री आदि का कांवड़ मेले की दृष्टि से रिजर्व स्टॉक रखना, वन विभाग के क्षेत्र में जंगली जानवरों से रक्षा के लिये टीम गठित करना, आपदा प्रबन्धन द्वारा की जाने वाली व्यवस्थायें, एनएसएस, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि की सहायता लेना, रेलवे तथा रोडवेज की व्यवस्थायें, विभिन्न स्थानों में कावंड़ियों को राहत देने के लिये स्पेंक्लर स्थापित करना आदि की जानकारी देते हुये उस पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
समीक्षा बैठक में सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, ममता राकेश, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराये जाने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मुख्य सचिव डॉ0 एस0एस0 सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव डॉ आर0 राजेश कुमार, एडीजी लॉ एण्ड आर्डर, एडीजी इंटलीजेंस, आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार, आईजी गढ़वाल मण्डल श्री के0एस0 नगन्याल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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