स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में मध्य प्रदेश के महू कैंटोनमेंट बोर्ड को ‘सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड’ के लिए पुरस्कृत किया गया। महू कैंट के इस मुकाम तक पंहुचने की यात्रा पर एक नज़र डालें तो 2020 में 62 कैंटों में 7वां स्थान हासिल कर ‘सेल्फ सस्टेनेबल कैंटोनमेंट बोर्ड’ का खिताब जीता। 2022 में, आगे बढ़ते हुए तीसरा स्थान हासिल किया साथ ही ‘गार्बेज फ्री सिटीज रेटिंग’ (जीएफसी) यानी कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में ‘1 स्टार रेटिंग’ और ओपन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) सर्टिफिकेशन में महू कैंट को ODF++ सिटी घोषित किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण के प्रमुख मापदंड – डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, स्रोत पर कचरे का पृथक्करण, सार्वजनिक क्षेत्रों की स्वच्छता, स्वच्छ जल निकाय एवं शहर की स्वच्छता पर नागरिकों की प्रतिक्रिया पर आधारित था।
शहर के 3-4 एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कई वर्षों से एकत्रित 12 फीट पुराने कचरे के ढेर को कल्टीवेटर की मदद से निस्तारित कर आम नागरिकों के लिए उनके परिजनों की स्मृति में पौधा रोपण के लिए स्मृति वन बनाया है। महू छावनी में कचरे को कम करने के ध्येय से सर्वप्रथम डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए प्रत्येक घर व दुकानों से वाहन के माध्यम से एकत्रीकरण का कार्य प्रारंभ किया। इसी कड़ी में कचरे का स्रोत पर ही पृथक्करण के लिए लोगों को जागरूक भी किया। प्रतिदिन कचरे का संग्रहण एवं निष्पादन की गणना पर दृष्टि डालें तो महू छावनी में कुल लगभग 21 टन अपशिष्ट कचरा, लगभग 7.35 टन प्रतिदिन सूखा कचरा और लगभग 12.6 टन प्रतिदिन गीला कचरा संग्रहित एवं निष्पादित किया जाता है। साथ ही लगभग 1.05 टन प्रतिदिन घरेलू एवं सेनेटरी कचरे का संग्रहण एवं निष्पादन किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ कंस्ट्रक्शन एवं डिमोलिशन (सीएंडडी) वेस्ट कलेक्शन सेंटर पर लगभग 0.40 टन प्रतिदिन कचरा निष्पादित होता है। मैटेरियल रीकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) केंद्रों में कचरे को निस्तारित करने की भी व्यवस्था की गई है।
स्वच्छता की दिशा में प्रयास की बात करें तो महू छावनी में एक बेहद खास पहल की भी शुरुआत की गई है। यहां पर छावनी परिषद् द्वारा एक वार्ड को ‘आत्मनिर्भर वार्ड’बनाया गया है। जिसके अंतर्गत उस वार्ड के सभी घरों में होम कंपोस्टिंग की जाती है साथ ही सूखे कचरे को पुनः उपयोग में लाने के लिए नई वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। इस आत्मनिर्भर वार्ड में एक बहुत ही खास व्यवस्था के तौर पर छावनी परिषद् द्वारा सैनिटरी एवं घरेलू हानिकारक कचरे को उठाने के लिए अलग से कचरा वाहन भी चलाया जाता है। इतना ही नहीं इनके निस्तारण के लिए डोमेस्टिक हज़ार्डस वेस्ट कलेक्शन सेंटर का भी निर्माण किया गया।
ओपन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) सर्टिफिकेशन में महू कैंट को ODF++ सिटी घोषित किया गया है। महू शहर में उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग सुनिश्चित किया जाता है। उपचारित जल की गुणवत्ता सुधार कर औद्योगिक कार्यों, कृषि कार्यों, सिंचाई, रोड एवं फुटपाथ की धुलाई आदि जैसे अन्य कार्यों में प्रयोग किया जाता है। महू छावनी में प्रतिदिन सैप्टिक टैंक से एकत्रित मल को फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) पर प्रसंस्कृत किया जाता है। इतना ही नहीं शहर के सभी शौचालयों का निरीक्षण कर उनका मरम्मत कार्य करवाया गया और जर्जर शौचालयों के स्थान पर स्मार्ट शौचालयों को भी इंस्टॉल करवाया गया। बताते चलें कि महू छावनी में एक एफएसटीपी प्लांट का निर्माण ट्रेंचिंग ग्राउंड पर करवाया गया है।
महू शहर में ‘सफाई मित्रों की सुरक्षा’ के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। दिन-रात शहर की स्वच्छता में अपना योगदान देते सफाई मित्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महू छावनी परिषद् द्वारा संबंधित ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई जाती है। ट्रेनिंग के साथ ही सफाई मित्रों को उनकी सुरक्षा से संबंधित उपकरण, पीपीई किट भी मुहैया कराए जाते हैं। सफाई मित्रों के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखते हुए, स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जाते हैं।
शहर से निकलने वाले निर्माण और विध्वंस कचरे का प्रसंस्करण कर ‘सर्कुलर इकॉनमी’ को बढ़ावा देते हुए प्लांट में ही मशीनों द्वारा पेवर ब्लॉक आदि का निर्माण किया जाता है। जिसको छावनी में ही सड़क, फुटपाथ आदि निर्माण कार्यों में प्रयोग किया जाता है। शहर में जगह-जगह सेल्फी प्वॉइंट् सहित वेस्ट मैटेरियल से निर्मित स्कल्पचर देखने को मिलते हैं। 3आर सिद्धांत के आधार पर महू छावनी में एक स्थायी आरआरआर केंद्र भी स्थापित किया गया है। वहीं इसके अलावा शहर के एक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के साथ मिल कर थैला बैंक का निर्माण भी किया गया है जिससे शहर में प्लास्टिक कचरे का स्तर बहुत कम हुआ है। इसके अतिरिक्त व्यापारी संगठन के साथ मिल कर शहर को प्लास्टिक मुक्त बाजार भी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मार्केट में थैला एटीएम की व्यवस्था भी उपलब्ध है। इन सभी सफल प्रयासों से महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने ‘गार्बेज फ्री सिटीज रेटिंग’ (जीएफसी) यानी कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में भी ‘3 स्टार रेटिंग’ भी हासिल की।
महू कैंटोनमेंट बोर्ड के सफल प्रयासों से न सिर्फ एक छावनी की छवि चमकी है बल्कि मध्य प्रदेश के मजबूत कंधों पर एक सितारे सी चमक आ गयी है।