- भक्ति ज्ञान से होगी सुख की प्राप्ति
- भक्ति यज्ञ में देनी होगी अज्ञानता की आहुति
- सात दिवसीय भक्ति ज्ञान प्रेम यज्ञ का शुभारम्भ
देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कथा भक्ति ज्ञान रुपी यज्ञ में जब भौतिकता रुपी अज्ञानता की आहुति दी जाती है तब सुखद परिणाम प्राप्त होता है। वृन्दावन वाले हनुमान दास जी महाराज ने देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित भागवत कथा के शुभारम्भ अवसर पर ये अमृत वचन कहे। इस अवसर पर कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
शुक्रवार को रेस कोर्स स्थित स्वर्गापुरी आश्रम सत्संग भवन में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान प्रेम यज्ञ का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर वृन्दावन से आये प्रसिद्ध कथावाचक हनुमान दास जी महाराज ने मनुष्य जीवन में कथा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी सांसारिक दुखों का कारण है भौतिकवादी वस्तुओं के प्रति मोह लगा बैठना और जब तक भौतिक सुख हमारी प्राथमिकता बनकर रहेंगे तब तक भक्ति यज्ञ सफल नहीं हो सकता। मनुष्य अपने उत्तरदायित्वों को भक्ति मार्ग पर चलकर भी पूर्ण कर सकता है लेकिन अज्ञानता की आहुति देनी होगी।
भागवत कथा के शुभारम्भ अवसर पर स्वर्गापुरी आश्रम, रेसकोर्स से कलश यात्रा निकाली गयी, जिसमें महिलाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन विश्वविद्यालय कुलाधिपति संजय बंसल द्वारा माता विमल बंसल, पिता हरिप्रकाश बंसल और भ्राता सुधीर बंसल की पुण्य स्मृति में किया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्ति व अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।