देहरादून, 23 दिसम्बर। सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज देहरादून के एक निजी होटल में “द टाईम्स ऑफ इण्डिया”, देहरादून द्वारा किसान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग। किसान दिवस पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किसानों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि किसान भारत का अन्न दाता और भाग्यविधाता है। उन्होंने कहा कि साल 2014- 15 में कृषि का बजट 22 हजार करोड़ हुआ करता था। वर्ष 2024 – 25 में 1.22 लाख करोड़ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कुशल निर्देशन एवं नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी कृषि एवं औद्यानिक फसलों को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है।कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार जताते हुए कहा कि जिनके नेतृत्व में हमारा राज्य में कृषि और औद्यानिकी का समग्र विकास करते हुए कास्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रत्येक सेक्टर के प्रमुख गेम चेंजर कार्यों का चयन कर उनपर पॉलिसी निर्धारण का कार्य चल है। मिलेट फसलों के लिए स्टेट मिलेट पॉलिसी का ड्राफट तैयार कर दिया गया है, जिसमें कृषकों को खेती किये जाने के लिए प्रोत्साहन से लेकर उत्पादन, विधायन एवं विपणन का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार क्लस्टर खेती को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे संग्रहण एवं मार्केटिंग में समस्या ना होने पायें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत समस्त पात्र कृषकों को आच्छादित किया जा रहा है। करीब 07 लाख 80 हजार किसानों को करीब 2800 करोड़ की धनराशि अभी तक पीएम किसान सम्मान निधि के तहत प्राप्त हुई है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा परम्परागत फसलों को प्रोत्साहन तथा संवर्द्धन हेतु स्टेट मिलेट मिशन का संचालन किया जा रहा है। कृषि ड्रोन अन्तर्गत महिला समूहो को प्रशिक्षण प्रदान कर ड्रोन वितरण किया जा रहा है। जैविक आउटलेट के माध्यम से विपणन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक आउटलेट के माध्यम से विपणन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में कृषि मुख्य स्वरोजगार का साधन है तथा कृषि मे नये नये नवोन्मेषी अपनाकर कृषकों को खेती किये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि अर्थव्यवस्था में वृद्धि करने हेतु निरन्तर प्रयासरत है।