A meeting of the State Road Safety Council was convened under the chairmanship of the Transport Minister.
आज पूर्वान्ह 11ः00 बजे परिवहन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक सचिवालय परिसर एफ0आर0डी0सी0 में स्थित सभाकक्ष भूतल में सम्पन्न हुई। बैठक में मत्रंी जी
द्वारा राज्य में सड़क सुरक्षा को और अधिक सृदृढ करने की दृष्टि से मा0 मत्रंी द्वारा आई-रैड साफ्टवेयर का शुभारम्भ किया गया। परियोजना के सम्बन्ध में श्री संजय गुप्ता, वरिष्ठ तकनीकी निदेशक, एनआईसी द्वारा प्रस्तुतीकर दिया गया, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि परियोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार की गयी एक परियोजना है, जिसे परिवहन विभाग के डाटाबेस वाहन एवं सारथी से इन्टीग्रेटिड किया गया है। उक्त पोर्टल में अन्तर्विभागीय वर्कफ्लो की व्यवस्था की गयी है। परियोजना में मुख्य रूप से 04 स्टेक होल्डर पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग हैं।
किसी वाहन की दुर्घटनाग्रस्त होने पर सर्वप्रथम पुलिस विभाग द्वारा सूचनाएं अंकित की जाती है, जिसमें वाहन एवं दुर्घटना स्थल के फोटो-वीडियो लिये जाने की भी व्यवस्था की गयी है। इसके उपरान्त परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग द्वारा वाहन की यांत्रिक दशा एवं सड़क की दशा-डिजाईन आदि की सूचनाएं अंकित की जाती है। किसी मामले में आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी सूचनाएं अंकित किये जाने की
व्यवस्था की गयी है। उक्तानुसार प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण आईआईटी-मद्रास में विशेषज्ञ दल द्वारा किया जाता है और संबंधित दुर्घटनाओं के संबंध में सुधारात्मक उपाय रोड इंजीनियरिंग से सम्बन्धित सुझाव दिये जाते है। मंत्री जी द्वारा उक्त योजना को पूर्ण गम्भीरता के साथ लागू करने के निर्देश दिये गये एवं आशा व्यक्त की गयी कि उक्त योजना के लागू होने से राज्य में घटित सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का गहराई से विश्लेषण किया जा सकेगा, जिसके आधार पर भविष्य की कार्ययोजना तैयार करने और दुर्घटनाओं से होने वाली जनहानि को कम करने में मदद मिलेगी।
सड़क सुरक्षा पर केन्द्रित स्कूली बच्चों की किताब का विमोचन
बैठक में मंत्री जी द्वारा स्कूली छात्र.छात्राओं हेतु सड़क सुरक्षा जागरूकता के सम्बन्ध में मुद्रित करायी गयी सड़क सुरक्षा एक पहल पुस्तिका का विमोचन किया गया।
सड़क सुरक्षा एक पहलष्ष् पुस्तिका के सम्बन्ध में डॉ0 अनिता चमोलाए सहायक परिवहन आयुक्तए उत्तराखण्ड द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में अवगत कराया गया कि मा0 उǔचतम् न्यायालय द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति द्वारा स्कूली छात्र.छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम में ही सड़क सुरक्षा विषय को सम्मिलित किया जाए। इसी क्रम में परिवहन विभाग में डॉ0 अनिता चमोलाए सहायक परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गयाए जिसमें परिवहनए शिक्षा एवं पुलिस विभाग के अधिकारी सम्मिलित हुए। समिति द्वारा बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु पाठ्य सामग्री का सम्पादन किया गया।
उक्त पाठ्य सामग्री को बच्चों की आयु सीमा के अनुसार पृथक-पृथक अध्याय में संकलित किया गया है। प्रत्येक अध्याय एक कक्षा के छात्रों की समझ के आधार पर विकसित किया गया है। इस पुस्तक में कक्षा 3 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों हेतु कुल 10 अध्याय है। परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा कोष से स्वीकृत धनराशि से इस पाठ्य पुस्तक की 52000 प्रतियॉ मुद्रित करायी गयी है, जिन्हें कक्षा 12 तक राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों को शिक्षा विभाग के सहयोग से उपलब्ध कराया जाएगा। उक्त पुस्तक के विमोचन के अवसर पर परिवहन मंत्री जी द्वारा सभी को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की गयी कि उक्त पाठ्य सामग्री से बचपन से ही बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता बढेगी, जो राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होगी।
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठकः-
1. राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मंत्री जी द्वारा राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुत विवरण का अवलोकन करने के उपरान्त कहा गया कि सड़क सुरक्षा केवल परिवहन, पुलिस या लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी
नहीं है, अपितु यह एक सामुहिक जिम्मेदारी है और इसमें जन सामान्य की सहभागिता से ही सड़क सुरक्षा को बढावा दिया जा सकता है।
2. मंत्री द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए निर्देश दिये गये लोगों की जिन्दगी बचाना हम सबका दायित्व है और इस दायित्व की पूर्ति हेतु स्थानीय लोगों को और अधिक जागरूक एवं प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है।
3. मंत्री जी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि पहाड़ो पर अधिकतर दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग, चालक को नींद आ जाने थकान हो जाने अथवा किसी मार्ग पर लम्बे जाम के बाद वाहन चालकों द्वारा प्रतिस्पर्धा करतेे हुए तीव्र गति से वाहन चलाना भी है। अतः इस सम्बन्ध में विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।
4. मंत्री द्वारा राज्य में चिकित्सा सेवायें सुधारने पर भी बल दिया गया। उनके द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि हमे यह प्रयास करने चाहिए कि दुर्घटना में कमी लायी जाए परन्तु फिर भी कहीं दुर्घटना हो जाती है तो हमारी पहली प्राथमिकता प्रभावित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना होनी चाहिए, ताकि उसकी जिन्दगी बचायी जा सके।
5. परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रमों में वृद्धि करने पर बल दिया गया। मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि इस सम्बन्ध में लिया जाए।
6. सड़कों की दशा सुधारने के सम्बन्ध में और उन पर आवश्यकतानुसार सड़क सुरक्षा उपाय यथा-क्रैश बैरयर, रोड मार्किंग, साईन बोर्ड, स्पीड कामिंग उपाय, चालक के विश्राम स्थलों का विकास आदि कार्य भी समयबद्ध रूप में किये जाने चाहिए। इस सम्बन्ध में जो कार्य गतिमान है, उन्हें बरसात से पूर्व पूर्ण कर लिया जाए और जिन मामलों में अभी डीपीआर बन रही है, उनमें डीपीआर तैयार करते हुए कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर प्रारम्भ की जाए।
7. बस स्टॉप पर भी पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शौचालय एवं सीसीटीवी की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये। अन्त में पुनः उपस्थित विभिन्न अधिकारियों से आपसी समन्वय से निरन्तर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने और जानमाल के बचाव का आहवान किया गया।
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बैठक में अरविन्द सिंह ह्यॉंकी, सचिव, परिवहन, एच0सी0सेमवाल, सचिव, आबकारी, वी0के0सुमन, प्रभारी सचिव, शहरी विकास, मुख्तार मोहसिन, पुलिस उपमहानिरीक्षक निदेशक यातायात, करन सिंह नगन्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल, रणवीर सिंह चौहान वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित हुए।