देहरादून, 11 सितंबर। उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित अपने कैंप कार्यालय में पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है।
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी,और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।
इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।